Move to Jagran APP

धनउगाही के लिए परेशान किए जा रहे दिव्यांग

एक तो विधाता की चूक से अंग-भंग की सजा दिव्यांगों को पहले से ही मिली हुई है, ऊपर से जब दिव्यांग अपनी दिव्यांगता का प्रमाण पत्र मांगने सीएमओ कार्यालय पहुंचते हैं तो यहां भी उनका सामना समाधान से नहीं बल्कि आफत से होता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 05:55 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 05:55 PM (IST)
धनउगाही के लिए परेशान किए जा रहे दिव्यांग
धनउगाही के लिए परेशान किए जा रहे दिव्यांग

जागरण संवाददाता, मऊ : एक तो विधाता की चूक से अंग-भंग की सजा दिव्यांगों को पहले से ही मिली हुई है, ऊपर से जब दिव्यांग अपनी दिव्यांगता का प्रमाण पत्र मांगने सीएमओ कार्यालय पहुंचते हैं तो यहां भी उनका सामना समाधान से नहीं बल्कि आफत से होता है। विभागीय डाक्टरों को साजिश में लेकर कुछ बाहरी दिव्यांगता के प्रमाण-पत्र के लिए भरे गए आवेदन को आगे बढ़ाने के लिए पैसे और रिश्वत का खेल खेलते हैं। कहते तो हैं कि वे दिव्यांगों की मदद में लगे हैं, लेकिन असल में यह पूरा जाल विकलांगों से धनउगाही के लिए बिछाया गया है। रिश्वत न देने वाले दिव्यांगों को डाक्टर भी तरह-तरह की बहानेबाजी कर टहलाते हैं। जिससे दिव्यांग दर-दर भटक रहे हैं।

loksabha election banner

शहर के मुंशीपुरा नई बस्ती की फरजाना ओपीडी संख्या 189756 जन्म से ही गूंगी है। अपनी मां रेहाना व पिता मुस्ताक अहमद के साथ वह सोमवार को अपनी दिव्यांगता के प्रमाण पत्र के लिए वह मुख्य चिकित्साधिकारी के कार्यालय पहुंची थी। मुस्ताक अहमद ने बताया कि फरजाना बोल नहीं पाती है। वह जन्म से ही गूंगी है, लेकिन संकेतों में वह अपनी जरूरतें बताती है। नहाना होता है तो वह बालों को फेरती है, खाना होता है तो वह हथेलियों को मुंह तक ले जाकर खाने का इशारा करी है। बावजूद इसके ड्यूटी पर तैनात फीजीशियन डा.आरके झा ने उसकी दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के उसे भटकने के लिए मेंटल डाक्टर को दिखाने के लिए रेफर कर दिया। यह घटना सिर्फ फरजाना के साथ ही नहीं होती है, बल्कि हर उस के साथ की जाती है जो इनके बनाए सिस्टम के मुताबिक नहीं चलता है। इनसेट :

रिश्वतखोरी का वीडियो भी

दिव्यांगता के आवेदन को आगे बढ़ाने के लिए रिश्वत लेते एक पीड़ित ने सोमवार को कार्यालय में आवेदन पत्र लेकर बैठे और उसे आगे बढ़ा रहे व्यक्ति का वीडियो भी बनाया है। वीडियो कार्यालय में अनियमितता की कहानी साफ बता रहा था। वीडियो दिखाने वाला भी विभाग का ही एक कर्मचारी था, जिसने अपनी नौकरी जाने का हवाला देकर वीडियो तो नहीं दिया लेकिन उसे दिखाया जरूर। वर्जन ..

इस संबंध में बात तो पहली बार सुनाई दे रहे है। देख लेते हैं। यदि अनियमितता है तो कार्रवाई की जाएगी।

- डा.सतीश कुमार ¨सह, मुख्य चिकित्साधिकारी, मऊ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.