नवनिर्मित वाशिग पिट के पिलरों पर चलने लगे हथौड़े
स्थानीय रेलवे जंक्शन पर दशकों बाद विकास के बड़े स्तंभों शुमार रेलवे वाशिग पिट का जब शुभारंभ हुआ तो आमजन से लेकर रेलवे के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने खूब उछाल मारा।
जागरण संवाददाता, मऊ : स्थानीय रेलवे जंक्शन पर दशकों बाद विकास के बड़े स्तंभों शुमार रेलवे वाशिग पिट का जब शुभारंभ हुआ तो आमजन से लेकर रेलवे के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने खूब उछाल मारा। उधर, वाशिग पिट में धुलाई के लिए जब पहली ही ट्रेन ने प्रवेश किया तो रेलवे लाइन के नीचे के पिलर भार सहने से जवाब दे दिए। कई पिलरों में दरारें पड़ गईं, यह तो संयोग अच्छा था कि कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई। अब वाशिग पिट में ट्रेनों की धुलाई होने की बजाय अब वहां हथौड़े बरसने लगे हैं। बिछाई गई रेल की पटरियां वाशिग पिट के पिलरों से हटा दी गई हैं। वाशिग पिट का यह हश्र देख शहरवासी ठेकेदारों और रेलवे के अधिकारियों को कोस रहे हैं।
वाशिग पिट में जिस रेलवे ट्रैक पर ट्रेन को खड़ा करके धुलाई करने का कार्य किया जाता, उस ट्रैक का अब पता नहीं है। जमीन से कुछ ऊपर पिलर देकर रेलवे लाइनें बिछाई गई थीं। मऊ-लखनऊ इंटरसिटी के उद्घाटन धुलाई के बाद जब ट्रेन वहां से खिसकी तो पता चला ट्रैक के नीचे के कई खंभे चटक और चरमरा गए हैं। संयोग था कि मऊ-लखनऊ इंटरसिटी दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गई, वरना कुछ भी हो जाता। नव निर्मित पीलरों के टूटने-चटकने पर रेलवे में सवाल-जवाब और जांच का खूब दौर चला और अंत में सभी पिलरों को तोड़कर उनका फिर से निर्माण करने का निर्णय लिया गया। ट्रेन की धुलाई की बजाय वाशिग पिट में हथौड़ों की दे दनादन देखने के बाद शहरवासी भी कहते नहीं थक रहे हैं कि वाह रे निर्माण। सरकारी धन के इस दुरुपयोग को देख हर कोई दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा चाहता है।
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