खतरे के निशान को पार कर गई घाघरा
पांचवी बार बढ़ा जलस्तर तटवर्ती इलाकों के गांवों में दहशत - बाढ़ चौकियों पर बढ़ी हलचल रामनगर में खतरा बिदु जलस्तर पांच सेमी ऊपर - जिला प्रशासन की ओर से तटवर्ती क्षेत्रों में अलर्ट जारी पल-पल की निगरानी
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : जिले की उत्तरी सीमा से होकर बहने वाली घाघरा नदी एक बार फिर से रौद्र रूप अख्तियार करने लगी है। शुक्रवार को रामनगर में घाघरा नदी के जलस्तर ने खतरे के निशान का पार कर लिया। किनारों पर हो रही लहरों की तीव्र टकराहट से कटान का खतरा एक बार फिर से उभर कर सामने आ गया है। लगातार पांचवीं बार जलस्तर के खतरे के निशान को पार करने से तटवर्ती गांवों के किसानों में दहशत है। जिला प्रशासन की ओर से नदी के जलस्तर के पल-पल पर नजर रखने के लिए बाढ़ चौकियों पर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
घाघरा के जलस्तर के बढ़ने का हाल यही रहा तो लहरें कभी भी तटवर्ती इलाकों में तबाही मचा सकती हैं। श्मशान घाट के दक्षिण मुक्तिधाम पर कटान की संभावना बढ़ती जा रही है। कीर्ति पुर मौजा में नदी की धारा किनारों से टकरा रही है, जिससे खतरा बढ़ गया है। घाघरा का जानकी घाट के उत्तर कटान कर सकती है। बीबीपुर के समीप देवारा में नदी की कटान तेज हो गई है। दोहरीघाट से लेकर मधुबन तक बनाई गई बाढ़ चौकियों पर राजस्व कर्मियों की हलचल बढ़ गई है। गांव-गांव में बाढ़ के आसन्न खतरे को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कटान के चलते बीबीपुर गांव में किसानों के खेत के खेत नदी की लहरों की भेंट चढ़ने लगे हैं। पशुपालकों के सामने चारा संकट बढ़ता जा रहा है। इनसेट :
लोहरा देवारा की फसल जलमग्न
बीबीपुर और गौरी डीह के बीच में बंधे में लगे रेगुलेटर की क्षमता कम होने से बरसात का पानी कुरावली पाउस के ताल में जाम होता है। जिससे किसानों की फसल बर्बाद हो जा रही है। जिलाधिकारी से लोगों ने बंधे में बने रेगुलेटर की क्षमता बढ़ाने की मांग की है। गौरीडीह के प्रधान अभय कुमार राय, नगरीपार के प्रधान रामविलास प्रजापति, प्रधान बीबीपुर राजेश यादव, प्रधान जमीरा आदि ने जिलाधिकारी से रेगुलेटर की क्षमता बढ़ाने की मांग की।