गंगा-जमुनी तहजीब को बिगाड़ने में लगे फिरकापरस्त
एक तरफ पुरा देश कोराना महामारी से लड़ रहा है तो वही कुछ ऐसे मौकापरस्त लोग है जो कोरोना की आड़ में जनपद की भाईचारे की तहजीब को बिगाड़ने में लगे है। लगभग 15 दिनों के अन्दर तीन बार अवसरवादियों ने अमन चैन को धुआ देने की कोशिश किया है। पुलिस प्रशान की मुस्तैदी से अभी तक कोई बड़ा बचाल नहीं हो पाया है। लेकिन अभी भी सुकुन हराम करने वाले भाईचारे को तोड़ने की फिराक में लगे हुए है।
जागरण संवादाता पुराघाट (मऊ) : एक तरफ पुरा देश कोराना महामारी से लड़ रहा है तो वही कुछ ऐसे मौकापरस्त लोग हैं जो कोरोना की आड़ में जनपद में भाईचारे की तहजीब को बिगाड़ने में लगे हैं। लगभग 15 दिनों के अंदर तीन बार अवसरवादियों ने अमन-चैन को धुआं देने की कोशिश किया है। पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी से अभी तक वे सफल नहीं हो पाए हैं। बावजूद इसके सुकून हराम करने वाले भाईचारे को तोड़ने की फिराक में लगे हुए है।
जनपद में कोरोना वायरस महामारी में लोग जान बचाने में जुटे हैं तो वहीं कुछ फिरकापरस्त लोग ऐसे हैं जो हर छोटी बात पर मुद्दे करे साम्प्रदायिक धार दे रहे हैं। पिछले 15 दिनों के भीतर ही कई जगहों पर इसकी कोशिश भी की गई। कुर्थीजाफरपुर में 13 मई को तरबूज के मामूली से विवाद को सांप्रदायिक बनाने की खूब कोशिश हुई। मंदिर को भी क्षतिग्रस्त किया गया तो कई परिवारों को घर में घुसकर मारा पीटा गया। लोगों के जेहन से अभी यह बवाल का ²श्य उतरा नहीं था कि करीमाबाबाद में 26 मई को कुछ लोगों की वजह से अमन में खलल डालने की भरपूर कोशिश हुई। यहां का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि कि 28 मई मुहम्दाबाद कोतवाली के वलीदपुर में फिर दो संप्रदाय आमने सामने आ गए। इसके पहले भी जिला मुख्यालय से लगायम मुहम्मदाबाद गोहना के बरामदपुर, चिरैयाकोट आदि कई प्रमुख बाजारों, स्थानों में गोकशी कर माहौल बिगाड़ने की कोशिशें की गईं। इन तीनों जगहों पर हुए बवाल की वजहों को देखा जाए तो कहीं कुछ भी ऐसा नहीं था कि इसको सांप्रदायिक आंच दी जा सके। सभी मौकों पर पुलिस की सक्रियता और सूझ-बूझ से मामले को शांत कराया गया लेकिन जरूरत है प्रशासन ऐसे लोगों को चिन्हित करे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। ताकि कोई भी माहौल को खराब ना कर सके। कोरोना के वजह से इन सभी जगहों पर अभी भी पुलिस की तैनाती की गई है और आम लोग अभी भी डर के माहौल में ही सांस ले रहे हैं।