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कलाओं व संस्कृति से रू-ब-रू हो रही भावी पीढ़ी

कोपागंज कस्बे के दोस्तपुरा मुहल्ले में कला ज्ञान व संस्कृति का संगम आयोजित है। इस संगम में भावी पीढ़ी ललित कलाओं से रू-ब-रू होकर उदात्त नागरिक बनने की तैयारी में है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 May 2019 11:31 PM (IST)Updated: Tue, 28 May 2019 11:31 PM (IST)
कलाओं व संस्कृति से रू-ब-रू हो रही भावी पीढ़ी

जागरण संवाददाता पुराघाट (मऊ) : कोपागंज कस्बे के दोस्तपुरा मुहल्ले में कला, ज्ञान व संस्कृति का संगम आयोजित है। इस संगम में भावी पीढ़ी ललित कलाओं से रू-ब-रू होकर उदात्त नागरिक बनने की तैयारी में है। मुहल्ले के शिव पैलेस में राज्य ललित कला अकादमी, संस्कार भारती एवं सप्तऋषि ज्ञान गंगा समिति उत्तर प्रदेश द्वारा 30 दिवसीय कार्यशाला में कस्बे के अलावा आसपास के दर्जनों गांवों के छात्र-छात्राएं गर्मी की छुट्टियों का सदुपयोग कर अपना कौशल विकास करने में जुटे हैं।

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कार्यशाला के संयोजक व काशी हिदू विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. सुनील कुमार सिंह कुशवाहा ने बताया कि इस कार्यशाला में चित्रकला, मूर्ति कला, टेक्सटाइल्स डिजाइन, फोटोग्राफी, पेंटिग, रंगाई आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सन 1997 में कस्बा में ललित कला का आयोजन किया गया था। इसका परिणाम यह रहा कि यहां की प्रतिभाएं आज राष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला का लोहा मनवा रही हैं। विश्वनाथ त्रिपाठी ने कहा कि प्रोफेसर सुनील विश्वकर्मा के प्रयास की देन है कि इनके द्वारा आरंभ कार्यशाला आज बुलंदियों पर है। उद्घाटन समारोह में बीएचयू व काशी विद्यापीठ के अनेक छात्र तथा राष्ट्रीय कलाकार उपस्थित थे।

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