शारीरिक दूरी का पालन करें खूब, खाद्यान्न मिलेगा भरपूर
सारे मुल्कों को नाज था अपने-अपने परमाणु पर अब कायनात बेबस हो गई छोटे से कीटाणु पर कुदरत का कहर भी जरूरी था साहब हर कोई खुद को खुदा समझ रहा था। ना इलाज है ना दवाई है ए इश्क तेरे टक्कर की बला आई है। किसी कवि की यह कविता आज के दौर में कोरोना पर सटीक बैठ रही है। हमने प्रकृति का दोहन किया तो कोरोना जैसी ऑफत आ गई है।
'सारे मुल्कों को नाज था अपने-अपने परमाणु पर, अब कायनात बेबस हो गई छोटे से कीटाणु पर, कुदरत का कहर भी जरूरी था साहब, हर कोई खुद को खुदा समझ रहा था। ना इलाज है ना दवाई है, ए इश्क तेरे टक्कर की बला आई है।' किसी कवि की यह कविता आज के दौर में कोरोना पर सटीक बैठ रही है। हमने प्रकृति का दोहन किया तो कोरोना जैसी ऑफत आ गई है। ऐसे में प्रकृति का संरक्षण करते हुए अपने संस्कृति व नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन करें। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मात्र एक हथियार अपनाने को देशवासियों से कहा है कि वह शारीरिक दूरी का पालन करें। इसके बावजूद कुछ लोग इसका पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में सभी जनपद की जनता से मेरा आग्रह है कि वह शारीरिक दूरी का पालन करते हुए हमें और हमारे समाज को कोरोना से मुक्ति दिलाने में अपनी महती भूमिका निभाएं। कोरोना से निबटने के लिए शासन की तरफ से अन्त्योदय व पात्र गृहस्थी, गरीब, दिहाड़ी मजदूरों को निश्शुल्क खाद्यान्न दिया जा रहा है। पहले चरण का खाद्यान्न एक अप्रैल से 10 मई तथा दूसरे चरण का खाद्यान्न 15 से वितरित किया जा चुका है। इसी प्रकार अब दूसरे चरण के खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। जिनके राशन कार्ड नहीं है, उन्हें तहसील स्तर से राहत पैकेट प्रदान किया जा रहा है। यानी किसी भी गरीब व मजलूम को लॉकडाउन में भूखे नहीं रहने देना है। शासन की मंशा है कि लॉकडाउन में हर वाजिब तक खाद्यान्न पहुंचे। शासन के इस आदेश का भरपूर पालन किया जा रहा है। पहले चरण के खाद्यान्न वितरण के दौरान कुछ कोटेदारों द्वारा घटतौली व अनियमितता की गई। इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी के निर्देश पर करीब पांच कोटेदारों के खिलाफ जहां संबंधित थानों में एफआइआर दर्ज कराई गई वहीं कई दुकानों को निलंबित कर दिया गया। हर पात्र तक राशन पूर्ण रूप से प्रदान करना मेरा दायित्व है। अगर किसी को कहीं से कोई परेशानी होती है तो उनके सीयूजी मोबाइल पर किसी भी समय काल कर सकता है। कई जगहों से शिकायत मिली कि कोटेदार यूनिट पर पूरा खाद्यान्न नहीं दिया जा रहा है। इसे गंभीरता से लेते हुए पूर्ति निरीक्षकों को भेजकर पूरा खाद्यान्न दिलाया गया है। जिला पूर्ति विभाग लॉकडाउन झेल रही जनता की हर सुविधाओं के लिए पूरी तरह से तैयार है। खासकर हर गरीब तक खाद्यान्न पहुंचाना ही विभाग का दायित्व है। ऐसे विकट दौर में आकर कोई कहीं भूखा है तो वह तत्काल मोबाइल पर बात कर लें। उसे जरूर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। प्रशासन की तरफ से भूखों के लिए तहसील पर भोजन व राहत पैकेट की भी व्यवस्था की गई है। ऐसे में सभी जनपदवासी शारीरिक दूरी का पालन करते हुए कोरोना से लड़ते हुए इसके सफाए का संकल्प लें।
हिमांशु द्विवेदी, जिला पूर्ति अधिकारी।