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हत्यारोपित पांच को आजीवन कारावास व जुर्माना

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नं. एक रामराज द्वितीय ने घोसी कोतवाली के अमिला निवासी अजेंद्र उर्फ दंगल राय की जमीनी विवाद को लेकर गोली मारकर की गई हत्या के एक मामले में सभी पांच आरोपितों को विचारण के उपरांत सोमवार को दोषी ठहराया था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 05:37 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 05:37 PM (IST)
हत्यारोपित पांच को आजीवन कारावास व जुर्माना
हत्यारोपित पांच को आजीवन कारावास व जुर्माना

जागरण संवाददाता, मऊ : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नं. एक रामराज द्वितीय ने घोसी कोतवाली के अमिला निवासी अजेंद्र उर्फ दंगल राय की जमीनी विवाद को लेकर गोली मारकर की गई हत्या के एक मामले में सभी पांच आरोपितों को विचारण के उपरांत सोमवार को दोषी ठहराया था। न्यायाधीश ने मंगलवार को सजा के प्रश्न पर सुनवाई कर सभी पांचों आरोपितों को हत्या के आरोप में प्रत्येक को आजीवन कारावास व 40-40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं अन्य आरोपित धारा विधि विरुद्ध जमाव में प्रत्येक को दो वर्ष का सश्रम कारावास व दो-दो हजार जुर्माना व बल्वा के आरोप में प्रत्येक को तीन वर्ष का कारावास व तीन हजार प्रत्येक को जुर्माना की सजा सुनाई। जुर्माना की राशि जमा न होने पर छह-छह माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा और जुर्माना की राशि जमा होने पर संपूर्ण राशि का 50 फीसदी मृतक के वारिसों को देने का आदेश न्यायालय ने दिया।

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यह मामला घोसी थाना क्षेत्र के अमिला कोट का है। इसी गांव की वादिनी मुकदमा कुसुम राय ने गत 11 अप्रैल 2007 को थाने मे प्राथमिकी दर्ज कराई थी। वादिनी के अनुसार उसके पति दंगल राय का गांव के दुर्गेश राय, नितिन राय, शिवम उर्फ बबलू राय, तुषारकांत राय निवासीगण अमिलाकोट थाना घोसी व इसी थाना क्षेत्र के सेमरी जमालपुर निवासी विश्राम राय से जमीनी विवाद अदालत में है। मुकदमा की तारीख देखकर वादिनी के पति दंगल राय 10 अप्रैल को सायं 05 बजे घर आए थे। इसी दौरान आरोपीगण घर पर आए तथा मुकदमें में सुलह के लिए बाइक से ले गए। गांव से थोड़ी दूर पांडेयपार विद्युत सब स्टेशन के पास बाइक से उतार कर आरोपितों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में कुल सात गवाहों को अभियोजन की तरफ से न्यायालय में प्रस्तुत कराकर अभियोजन कथानक को संदेह से परे साबित कराया गया। न्यायाधीश ने साक्ष्य की गहन समीक्षा व बचाव पक्ष तथा अभियोजन के तर्को व नजीरों की विस्तृत व्याख्या के उपरांत उक्त निर्णय सुनाया।


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