फोरलेन बाइपास के मुआवजा को भटक रहे किसान
जागरण संवाददाता मऊ हजारों किसानों की जमीन फोरलेन बाइपास के लिए अधिग्रहित की गई है
जागरण संवाददाता, मऊ : हजारों किसानों की जमीन फोरलेन बाइपास के लिए अधिग्रहित की गई है, लेकिन जमीन देने वाले किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ जहां सीमांकन और चल रहे निर्माण को लेकर सैकड़ों किसान असमंजस में हैं, वहीं कितने यही नहीं समझ पा रहे हैं कि उनकी कितनी जमीन फोरलेन के लिए अधिग्रहित की गई है। कुछ किसानों का आरोप है कि उनकी कागजों पर ली गई जमीन से ज्यादा पर निर्माण हो रहा है। इसी उहापोह में प्रतिदिन किसान एसडीएम से लेकर एसएलओ कार्यालय तक चक्कर काट रहे हैं।
वाराणसी-गोरखपुर हाईवे पर बढ़ुआगोदाम से परदहां, बरलाई, शहरोज, काछीकला, हिकमा गाड़ा होते हुए भदसा मानोपुर तक फोरलेन बाइपास तैयार किया जा रहा है। लगभग 18 किमी के इस बाइपास को बनाने के लिए हजारों किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। बढुआगोदाम के दर्जनों किसान एवं मकान-दुकान के मालिक जमीन के मुआवजे का आंकलन कम करने का आरोप लगाते हुए कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं, इसके बावजूद वे अभी भी परेशान हैं। एनएचएआइ के अधिकारियों से किसानों की मुलाकात नहीं हो पाती है, जिससे उन्हें सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है। किसानों की दौड़ तहसील से लेकर जिला मुख्यालय तक चल रही है। काछीकला के बख्तावरगंज के अवधू राजभर, काछीकला के कन्हैया चौहान, भदसा मानोपुर के खुशहाल आदि कई किसानों ने बताया कि अधिकारी उन्हें आजकल करके टालते रहते हैं। इस वजह से उनकी समस्या नहीं दूर हो रही है।