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प्राकृतिक आपदा से किसान तबाह, मुआवजा दे सरकार

जिले में हुई बेमौसम बरसात से गेहूं जौ सरसों अरहर चना सब्जी आम आदि फसलों को भारी क्षति हुई है। इसके लिए किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा किसान नेता राकेश सिंह के नेतृत्व में प्रगतिशील किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी को पत्रक सौंपकर वार्ता किया। मांग किया क्षति का सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा वितरण कराया जाए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 05:48 PM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 05:48 PM (IST)
प्राकृतिक आपदा से किसान तबाह, मुआवजा दे सरकार
प्राकृतिक आपदा से किसान तबाह, मुआवजा दे सरकार

जागरण संवाददाता, मऊ : जिले में हुई बेमौसम बरसात से गेहूं, जौ, सरसों, अरहर, चना, सब्जी, आम आदि फसलों को भारी क्षति हुई है। इसके लिए किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा किसान नेता राकेश सिंह के नेतृत्व में प्रगतिशील किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी को पत्रक सौंपकर वार्ता किया। मांग किया क्षति का सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा वितरण कराया जाए।

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किसानों ने बताया कि बारिश व तेज हवाओं से गेहूं की फसल जमीन पर गिरकर चौपट हो गई है और अन्य फसलों के फूल झड़ गए। इस बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। अगर खेत का सही सर्वे हो तो यह क्षति 50 फीसदी से कम नहीं है। कृषि व राजस्व विभाग तथा फसल बीमा कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी खेतों में न जाकर कमरे में बैठकर क्षति की फर्जी रिपोर्ट देकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की इच्छा के विपरीत कार्य कर रहे हैं और किसानों के साथ अन्याय कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि पिछले वर्ष जुलाई व सितंबर माह में जब धान की नर्सरी, संडा धान व रोपा गया धान पानी में डूबकर सड़ गया। कृषि विभाग व बीमा कंपनी द्वारा क्षति की रिपोर्ट देने के बाद भी एक रुपया न मुआवजा दिया और न क्षति का क्लेम दिया गया। कहा कि गाजीपुर, आजमगढ़ आदि जनपदों में सरकार ने क्षति का पैसा किसानों के लिए भेजा है लेकिन जिले में कृषि, राजस्व तथा बीमा कंपनी की तिकड़ी के कारण जिले का किसान तबाह हो रहा है। अगर जिला प्रशासन ने फसलों की क्षति की रिपोर्ट व अनुदान की मांग नहीं किया तो बाध्य होकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा। इस दौरान किसानों ने फसल का मुआवजा दो, क्षतिपूर्ति दो, भारत माता की जय तथा जय जवान-जय किसान के नारे लगाए। प्रतिनिधिमंडल में नरेंद्र तिवारी, देवेंद्र सिंह, लल्लन सिंह, दुर्गविजय सिंह, राजविजय तिवारी, परमात्मा सिंह, उदय प्रताप सिंह, सागर माली, अवनीश सिंह, अशोक कुमार आदि किसान थे।


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