चट्टियों पर बढ़ते जा रहे झोलाछाप
जिले हर चट्टी-चौराहे व ग्रामीण बाजारों में बिना किसी डिग्री डिप्लोमा के डाक्टर साहब कहलाने वाले झोलाछापों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से ये पूरी दबंगई से दुकानें खोलकर फोड़ा-फुंसी से लेकर सर्जरी तक करने का दावा कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, मऊ : जिले हर चट्टी-चौराहे व ग्रामीण बाजारों में बिना किसी डिग्री डिप्लोमा के डाक्टर साहब कहलाने वाले झोलाछापों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से ये पूरी दबंगई से दुकानें खोलकर फोड़ा-फुंसी से लेकर सर्जरी तक करने का दावा कर रहे हैं। गांव के गरीब लाचार और कम पढ़े-लिखे लोग इनके मकड़जाल में फंसकर जान और माल दोनों का नुकसान उठा रहे हैं।
कोपागंज के भातकोल मोड़ से भातकोल गांव तक के लगभग 18 किलोमीटर की ग्रामीण सड़क पर दो दर्जन से अधिक झोला छाप चिकित्सकों की दुकानें आबाद हैं। कम पैसे की दवा के लालच में अक्सर अनपढ़ इनके जाल में फंस जाते हैं। हिकमा चट्टी, भांवरकोल, ढांढाचवर, कोइरियापार तथा भातकोल में दर्जनों झोलाछाप डाक्टरों की क्लीनिक पूरी दबंगई से चल रही है। आस-पास के ही गांवों के इन डाक्टरों के होने के चलते अक्सर स्थानीय लोग इनकी शिकायत या इनके खिलाफ कोई प्रदर्शन नहीं कर पाते। उधर, गैरकानूनी ढंग से चिकित्सकीय कर्म करने वालों की संख्या विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते लगातार बढ़ती जा रही है। हर चट्टी-चौराहे बैठकर झोलाछाप दवाएं ही नहीं दे रहे हैं, बल्कि फोड़ा-फुंसी, हाइड्रोसील आदि की सर्जरी भी कर दे रहे हैं। इनसे इलाज कराकर जहां कई गरीब बेमौत मर रहे हैं, वहीं कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जा रहे हैं। समाजसेवी प्रदीप पांडेय ने सीएमओ को पत्रक सौंपकर झोलाछापों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है।