Move to Jagran APP

संक्रमण पर भारी पड़ी आस्था, हर किसी ने टेका मत्था

कोरोना संक्रमण का भय ही लोगों के जेहन में घर कर गया हो लेकिन मां की आस्था भक्तों पर भारी पड़ रही थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 11:12 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 11:12 PM (IST)
संक्रमण पर भारी पड़ी आस्था, हर किसी ने टेका मत्था

जागरण संवाददाता, मऊ : कोरोना संक्रमण का भय ही लोगों के जेहन में घर कर गया हो लेकिन मां की आस्था भक्तों पर भारी पड़ रही थी। भक्तों ने देवी मां से कोरोना संक्रमण के सफाए के लिए जहां विनती की वहीं मां के दरबार में मत्था टेका इस बीच चहुंओर मां के जयकारे से पूरा माहौल ही भक्तिमय नजर आ रहा था। देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का रेला नजर आया। घंटा-घड़ियाल की गूंज से पूरा क्षेत्र ही गुंजायमान है। धूप-अगियारी की सुगंध बरबस लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। जनपद के विभिन्न देवी मंदिरों पर सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी रही। मंदिरों में भी कोरोना संक्रमण के कारण खास उपाय किए गए थे। अधिकतर जगहों पर कमेटी भक्तों से शारीरिक दूरी बनाने के लिए प्रेरित करती रही। शहर के शीतला धाम में सामूहिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। दूसरी तरफ वनदेवी में प्रवेश द्वार पर ही टुकड़ों में लोगों को गर्भगृह में जाने की अनुमति दी जा रही थी जिससे वहां पर भीड़ एकत्र नहीं होने पाईं।

loksabha election banner

आध्यात्मिक एवं भौतिक ऊर्जा के संचयन एवं मां आदिशक्ति की साधना, आराधना, उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्र शनिवार से आरंभ हो गया। इसके साथ ही आरंभ हो गया नौ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठानों का क्रम। घर-घर में कलश स्थापित किए गए, मां दुर्गा के विविध रूपों का आह्वान किया गया इसके साथ ही दुर्गा सप्तशती के पाठ से 'या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:' आदि मंत्रों के स्वर तथा मंदिरों में मां का जयकारा गूंज उठा। साथ ही विभिन्न मत-पंथावलंबियों ने विविध प्रकार के अनुष्ठान आरंभ कर दिए। मां के व्रत साधना, आराधना की तैयारी में जुटे भक्त ब्रह्म मुहुर्त में ही जाग उठे थे। स्नानादि से पवित्र होकर पूजन-अर्चन की तैयारियां शुरू हो गईं। वेदनिष्ठ, कर्मकांडी ब्राह्मणों ने यजमानों के घर पहुंचकर कलश स्थापना कराया और षोडशोपचार हवन-पूजन एवं मां आदिशक्ति के आह्वान के साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ आरंभ किया। कतिपय भक्तों ने ऋतुओं के इस संधिकाल में अन्यान्य दिव्य अनुष्ठानों एवं नौदिवसीय व्रत की शुरूआत की। धूप, हवन, पूजन के कारण चतुर्दिक वातावरण स्निग्ध व सुगंधित हो गया। श्रद्धालुओं की सर्वाधिक भीड़ मां वनदेवी धाम, शीतला माता मंदिर, आजमगढ़ मोड़ स्थित मां सिद्धेश्वरी मंदिर, फातिमा मोड़ तथा रोडवेज स्थित दुर्गा मंदिरों में उमड़ी। पूजन-अर्चन कर भक्तों ने मां के चरणों में अपना सिर टेका। फूल-मालाओं से मां भव्य श्रृंगार किया गया था।

----------------- प्रथम दिन पूजी गईं मां शैलपुत्री

शीतला माता मंदिर के पुजारी दीपक महाराज ने बताया कि प्रथम दिन श्रद्धालुओं ने मां शीतला माता का शैलपुत्री के रूप में दर्शन पूजन किया। मां शैलपुत्री में प्राण, तत्व, वायु समेत समस्त शक्तियां निहित हैं। मां के दर्शन-पूजन मात्र से मनुष्य को सुख-समृद्धि मिलती है और वह सदैव आनंद में डूबा रहता है। उधर दोहरीघाट में जानकीघाट स्थित मां दुर्गा मंदिर, सिद्धिदात्री दुर्गा मंदिर कोरौली, कोयल मर्याद भवानी मंदिर मादी, दुर्गा मंदिर चिउंटीडाड़, दुर्गा मंदिर कुसुम्हा, पंप कैनाल स्थित बसारथपुर में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.