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दम तोड़ रही धान बेचने की उम्मीद

शासकीय क्रय केंद्रों पर धान बेचने की अन्नदाता की उम्मीदें अब दम तोड़ रही हैं। एक सप्ताह तक बंद रही वेबसाइट शुक्रवार को खुली अवश्य पर धीमी गति एवं बैंक बंद होने के चलते परिणाम शून्य रहा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jan 2020 06:04 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jan 2020 06:04 PM (IST)
दम तोड़ रही धान बेचने की उम्मीद

अरविद राय, घोसी (मऊ) :

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शासकीय क्रय केंद्रों पर धान बेचने की अन्नदाता की उम्मीदें अब दम तोड़ रही हैं। एक सप्ताह तक बंद रही वेबसाइट शुक्रवार को खुली अवश्य पर धीमी गति एवं बैंक बंद होने के चलते परिणाम शून्य रहा। विपणन विभाग के अलावा अन्य एजेंसियों के कंप्यूटर से तो वेबसाइट कनेक्ट ही न हो सकी। जिले में 71 हजार एमटी धान की खरीद के लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक मात्र 24257.63 एमटी ही धान की खरीद होने से जिले के किसानों और धन खरीद की स्थिति समझी जा सकती है।

इस बार शासन ने किसानों के पंजीकरण से लेकर क्रय केंद्रों से मिल तक धान के परिवहन की व्यवस्था बदल दिया है। भुगतान की व्यवस्था भी बदल गई है। धान बेचने के इच्छुक किसान ने किसी तरह से पंजीकरण कराया। अनिवार्य पंजीकरण व्यवस्था में परिवर्तन यह हो गया कि कंप्यूटर ने एक खतौनी और एक गाटा संख्या के किसी एक खातेदार का ही पंजीकरण स्वीकार किया। अलग-अलग रह रहे ऐसे किसान जिनकी खतौनी संयुक्त थी, इस नियम के चलते धान न बेच सके। ऐसे किसानों ने कम दाम पर बाजार में धान बेचा। भुगतान अब पीएफएमएस विधि से होने के चलते खतौनी, आधार कार्ड एवं बैंक पास बुक में किसानों के अंकित नाम का में अंतर होने के चलते भी कुछ किसान क्रय केंद्र से दूर रहे। इन तमाम बाधाओं को पार करने के बाद किसी तरह केंद्र पर पहुंचे तो कभी बोरे की किल्लत तो कभी गोदाम में स्थान न होने के चलते केंद्र प्रभारी ने ठेंगा दिखा दिया। इस बीच सितंबर एवं दिसंबर माह में इंद्रदेव मेहरबान हुए तो शासन के मानक पर तमाम किसानों का धान खरा न उतर सका। ऐसे किसान भी खुले बाजार में धान बेचने को विवश रहे। एक अन्य नियम यह कि धान भले ही केंद्र पर बेच दिया पर जब तक उक्त धान राइस मिल नहीं पहुंचेगा, उसके भुगतान की प्रकिया प्रारंभ न होगी। बहरहाल यह सारी प्रक्रिया पूरा करने के बाद विभाग ने किसानों के मोबाइल पर शीघ्र ही उसके बैंक खाते में भुगतान किए जाने का संदेश दिया। यह संदेश तो आया पर एक पखवारा बाद भी खाते में धनराशि न पहुंच सकी है। इस बीच जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में अचानक पोर्टल बंद हो जाने से क्रय केंद्र प्रभारियों ने किसानों का धान क्रय करने से मना कर दिया। कई स्थानों पर किसानों ने हंगामा भी किया। प्रशासन ने ऐसे किसानों को वेबसाइट खुलते ही खरीद का आश्वासन दिया। शुक्रवार को विपणन विभाग के कंप्यूटरों पर वेबसाइट तो कनेक्ट हुई पर लोड के चलते बैक होने की समस्या रही। उधर अन्य विभागों की खरीद फभ्ड करने की प्रणाली नहीं चली। अलबात्त भुगतान की वेबसाइट चली।

यह भी है हाल

तमाम किसानों ने धान तो बेच दिया है और पावती उनके हाथ में है पर वेबसाइट बंद हो जाने के चलते खरीद का आंकड़ा फीड न हो सका है। अब वेबसाइट खुलने के बाद ही ऐसे किसानों का विवरण फीड होगा।

--------------------------अब वेबसाइट खुल गई है। किसानों के खाते में भुगतान प्रेषित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। -वीके सिन्हा, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी

-------------------------- पोर्टल बंद होने से उत्पन्न स्थिति के बाबत उच्चाधिकारी अवगत हैं। जिनका धान क्रय हो गया है, वेबसाइट खुलते ही उसकी फीडिग होगी। प्रथम बार पीएफएमएस लागू होने से विलंब हो रहा है।

-विवेक कौशल एआर कोआपरेटिव


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