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15 से 18 किलोमीटर दूर तक बने परीक्षा केंद्र

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा संचालित हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा 2020 को अब मात्र दो महीने कुछ दिन ही शेष हैं। 1

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 05:19 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 05:19 PM (IST)
15 से 18 किलोमीटर दूर तक बने परीक्षा केंद्र
15 से 18 किलोमीटर दूर तक बने परीक्षा केंद्र

जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा संचालित हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा 2020 को अब मात्र दो महीने कुछ दिन ही शेष हैं। 18 फरवरी से परीक्षा प्रस्तावित है। इस बीच बोर्ड द्वारा परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची भी जारी हो चुकी है। परीक्षा केंद्रों की पहली सूची के बाद विद्यालयों द्वारा दायर आपत्तियों एवं सुझावों के बाद कई नए केंद्र बने तो वहीं कई केंद्रों के नाम फाइनल सूची से गायब भी हो गए। कई परीक्षा केंद्रों का भार भी कम किया गया क्योंकि यहां क्षमता से अधिक भार दे दिया गया था और इन सबको ठीक करने में विभाग द्वारा छात्रों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया। परीक्षा केंद्र मानकों के विपरित 15 से 18 किलोमीटर तक दूर बना दिए गए। ऐसे में परीक्षार्थियों की दिक्कतों को सहज ही समझा जा सकता है।

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एक तो परीक्षा का टेंशन ऊपर से लंबी दूरी का दबाव, चिता तो वाजिब है। स्थानीय तहसील क्षेत्र स्थित जनता शिक्षा निकेतन इंटर कालेज दुबारी के इंटरमीडिएट के छात्रों का परीक्षा केंद्र हरिनंदन आंबेडकर इंटर कालेज बेलौली को बनाया गया है। इसकी दूरी कालेज से 15 किलोमीटर दूर है। तो वहीं रामसुंदर पांडेय सर्वोदय इंटर कालेज गजियापुर के छात्रों का भी परीक्षा केंद्र यही विद्यालय है और विद्यालय से इसकी दूरी 18 किमी है। शिक्षा संस्थान इंटर कालेज दुबारी इंटर के छात्रों का परीक्षा केंद्र फतेहपुर ग‌र्ल्स इंटर कालेज को बनाया गया है, जिसकी दूरी 12 किमी है। इस प्रकार तहसील क्षेत्र के दर्जनों ऐसे विद्यालय हैं जिनका परीक्षा केंद्र कम से कम 10 किमी तक दूर है। केंद्र निर्धारण में परीक्षार्थियों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया और इसे लेकर छात्र काफी आहत हैं। 2020 की बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होने वाले अभिषेक यादव, रोहित मौर्य, पूजा गोंड, पुष्पांजलि, गीता साहनी, अमित कन्नौजिया, पुष्पा, धीरेंद्र, मंजू आदि का दर्द था कि परीक्षा केंद्र इतनी दूर है की आने-जाने में ही कई घंटे बर्बाद हो जाएंगे। परीक्षा की तैयारी तो दूरी के बारे में सोच-सोच कर ही प्रभावित हो रही है। सबसे अधिक चितित तो ऐसे छात्र दिख रहे हैं जिनके पास निजी साधन नहीं है और सवारी वाहनों के भरोसे परीक्षा केंद्र तक पहुंचना है।


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