हर राह दुश्वार, गड्ढे स्वागत को तैयार
घोसी विधानसभा में हुए उपचुनाव के दौरान कोपागंज में सभा कर सड़क मार्ग से लौटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब वाया गाजीपुर वाराणसी पहुंचे तो सड़क के गड्ढों में खाए हिचकोलों से उन्हें आम आदमी की रोज होने वाली फजीहत का भान हो चुका था। वाराणसी पहुंचते ही रात में सर्किट हाउस में अधिकारियों संग बैठक कर उन्होंने एक माह के भीतर सड़कों को गड्ढामुक्त करने का फरमान सुनाया। फरमान का त्वरित असर होते देखा गया। विभाग सक्रिय तो हुआ पर महज खानापूर्ति के चलते मुख्यमंत्री की मंशा पूरी न हो सकी।
जागरण संवादददाता, मऊ : घोसी विधानसभा में हुए उपचुनाव के दौरान कोपागंज में सभा कर सड़क मार्ग से लौटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब वाया गाजीपुर वाराणसी पहुंचे तो सड़क के गड्ढों में खाए हिचकोलों से उन्हें आम आदमी की रोज होने वाली फजीहत का भान हो चुका था। वाराणसी पहुंचते ही रात में सर्किट हाउस में अधिकारियों संग बैठक कर उन्होंने एक माह के भीतर सड़कों को गड्ढामुक्त करने का फरमान सुनाया। फरमान का त्वरित असर होते देखा गया। विभाग सक्रिय तो हुआ पर महज खानापूर्ति के चलते मुख्यमंत्री की मंशा पूरी न हो सकी। मिट्टी और गिट्टी से पाटे गए गड्ढों से मिट्टी पिसकर धूल बनकर उड़ गई और गिट्टियां छितरा गईं। आज हाल यह कि जिधर जाइएगा, उधर पाइएगा की तर्ज पर हर सड़क पर गड्ढों की मौजूदगी अपने पुराने रूप को वापस पा चुकी है।
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नोनियापुर मार्ग : इतना जर्जर कि चलने से कतरा रहे लोग
जासं, मुहम्मदाबाद गोहना (मऊ) : करहां-मुहम्मदाबाद गोहना मुख्यमार्ग से जुड़े नोनियापुर गांव को जाने वाला मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। इस पर चलना मानो वैतरणी पार करने जैसा हो गया है। इस मार्ग से होकर आने-जाने वाले साइकिल व बाइक सवार अक्सर गिरकर चोटिल होते रहते हैं। क्योंकि इस मार्ग की पटरिया पूरी तरह से गायब हो चली हैं और इस पर लगा पिच पूरी तरह से उखड़ चुका है।
इस मार्ग पर कई विद्यालय स्थित हैं। जिस पर छोटे-बड़े बच्चे साइकिलों से व पैदल स्कूल को जाते हैं, जो अक्सर इस क्षतिग्रस्त मार्ग पर गिरकर चोटिल होते रहते हैं। लोक निर्माण विभाग की उदासीनता के चलते इस मार्ग की स्थिति पूरी तरह से दयनीय हो चली है। सड़क के बड़े-बड़े पत्थर ऊपर आ चुके हैं। क्षतिग्रस्त मार्ग से यदि लोगों को मजबूरी में जल्दी पहुंचना पड़ता है तो वह अपने स्थान पर समय से नहीं पहुंच पाते। आए दिन इस मार्ग से भुजही, घरोहिया मोड़, सुरहुरपुर, नोनियापुर, कादीपुर, सैदपुर, जहानियांपुर आदि गांव के सैकड़ों लोगों का आना-जाना होता है। तहसील मुख्यालय को जोड़ने वाला यही एक मार्ग है।
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पूराघाट-कोटवा कोपड़ा मार्ग : उखड़े बोल्डरों से चलना दूभर
जासं, नौसेमरघाट (मऊ) : पूराघाट पुल से कोटवा कोपड़ा तक जाने वाली ग्रामीण सड़क कई स्थानों पर टूटकर गई है। जहानियापुर, पारा, पूरा मारूफ, पूराघाट व नवापुरा होते हुए पूराघाट बाजार होकर कुर्थी जाफरपुर प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय होते हुए कोटवा कोपड़ा आदि गांव के पास कई स्थानों पर सड़क से बीच पूरी तरह उखड़ गई है। पिच से निकले गिट्टी के बोल्डरों के चलते आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। पूराघाट पुल से कासिमपुर, बैजापुर होते हुए बरलाई तक मार्ग जिला मुख्यालय को जोड़ता है। तमसा नदी के किनारे होते हुए तटबंध पर बनाई गई ग्रामीण सड़क चलने योग्य नहीं रह गई है। इस सड़क के किनारे लगभग दर्जनों गांव हैं। मुख्य बाजार पूराघाट में ग्रामीणों एवं स्कूली बच्चों को प्रतिदिन इसी सड़क से होकर आना-होता है। गड्ढों की वजह से अक्सर वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं।