शासन ने ठाना है, हर गांव स्वच्छ बनाना है
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : इन दिनों ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मचारी गांव में पहुंच कर शौचालय
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : इन दिनों ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मचारी गांव में पहुंच कर शौचालय निर्माण कर रहे लाभार्थियों को मौके पर ही चेक प्रदान कर रहे हैं। इसके पीछे शासन का कड़ा निर्देश है। दरअसल प्रदेश सरकार ने राष्ट्रपिता की आगामी जयंती के दिन तक प्रदेश के हर गांव को ओडीएफ करने का इरादा ठान लिया है। इस हेतु पंचायती राज एवं स्वच्छ भरत ग्रामीण मिशन के निदेशक ने ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मचारियों को तमाम निर्देश जारी किया है। इस मिशन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका अदा करने वाले कर्मचारी सम्मानित होंगे।
पंचायती राज निदेशक ने अर्ध शासकीय पत्र जारी करते हुए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के प्रति शासन की गंभीरता बताया है। स्पष्ट किया है कि यह मिशन शासन की सर्वोच्च वरीयता प्राप्त कार्यक्रम है। 2 अक्टूबर 2018 तक संपूर्ण प्रदेश को खुले में शौचमुक्त कर दिया जाना है। प्रदेश में अभी तक 6289 ग्राम पंचायत एवं 14314 राजस्व ग्राम ही ओडीएफ घोषित हो सके हैं। स्पष्ट है कि अभी 52 हजार से अधिक ग्राम पंचायतें ओडीएफ न हो सकी हैं। उन्होंने हरेक ग्राम पंचायत कर्मचारी को मानक के अनुसार हरेक पात्र परिवार को शौचालय निर्माण हेतु प्रोत्साहित करने को कहा है। शौचालय का निर्माण भी मानक के अनुरूप होगा। तकनीकी रूप से दोषपूर्ण शौचालय निर्मित होने पर, शासकीय धन का दुरुपयोग माना जाएगा एवं कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई की हरेक ग्राम पंचायत को किसी स्वच्छग्राही के दायित्व में सौंपा जाएगा। ग्राम स्तर पर निगरानी समितियां बनाकर सक्रिय किया जाएगा ताकि खुले में शौच करने वालों को इससे होने वाले नुकसान की जानकारी देकर रोक लग सके। शौचालय का निर्माण भी प्रशिक्षित राजमिस्त्री करेगा ताकि गुणवत्ता बनी रहे। निदेशक ने कर्मचारी की उदासीनता के चलते इस योजना की प्रगति प्रभावित होने पर उसे प्रत्यक्ष रूप से दोषी मानते हुए विभागीय जांच के साथ ही सतर्कता जांच की भी चेतावनी दी है। जबकि अच्छा कार्य करने वाले पंचायत सचिवों को निश्चित रूप से सम्मानित किया जाएगा।