सूख रही धान की फसल, रबी पर भी संकट
किसानों पर बज्र टूट पड़ा है। जून, जुलाई माह में एक छटाक पानी नहीं बरसने पर ¨सचित क्षेत्र के आधे हिस्से पर किसी तरह धान की रोपाई हो पाई परंतु अभी तक सितंबर माह में फुहारें भी नहीं पड़ा है।
जागरण संवाददाता, मऊ : किसानों पर वज्र टूट पड़ा है। जून, जुलाई माह में एक छंटाक पानी नहीं बरसने पर ¨सचित क्षेत्र के आधे हिस्से पर किसी तरह धान की रोपाई हो पाई परंतु अभी तक सितंबर माह में फुहारें भी नहीं पड़ीं हैं। ऐसे हालात में अब धान की फसल सूखने लगी है। कम बारिश होने से भूमिगत जलस्तर लगातार नीचे खिसक रहा है। हालात यह कि निजी ट्यूबवेलों ने पानी देना ही बंद कर दिया है। रही-सही कसर बिजली विभाग के संविदा कर्मियों ने हड़ताल कर पूरी कर दी है। अब ऐसे में वज्र अकाल की संभावना प्रबल हो गई है। धान की फसल तो चौपट होगी ही रबी की दलहनी-तिलहनी फसलों की बोआई भी प्रभावित होगी।
खरीफ सीजन के शुरूआत माह जून व जुलाई माह में हालात ऐसे रहे कि मात्र फुहारें ही पड़ी। इस दौरान एक दिन भी बारिश ऐसी नहीं हुई कि किसान धान की रोपाई कर पाए। तमाम मुश्किलों का सामना करने वाले किसानों ने ट्यूबवेल के सहारे जनपद के ¨सचित क्षेत्र 92 हजार हेक्टेयर में से लगभग 45-50 हजार हेक्टेयर में किसी तरह धान की रोपाई हो पाई। पानी के अभाव में बड़े भू-भाग में धान की रोपाई नहीं हो पाई। अगस्त माह में करीब 250 मिलीमीटर बारिश हुई तो किसानों में अच्छी फसल की आस जगी परंतु सितंबर माह ने किसानों को धोखा दे दिया। हालत यह हो गए हैं कि धान के खेत में दरारें पड़ गई है। संडा विधि से रोपे गए धान की बालियां निकल रही हैं तो बेहन डालकर रोपे गए धान अभी रेड़ा पर हैं। ऐसे समय में धान को पानी की अति आवश्यकता होती है। बिना नमी के धान की बालियां निकल नहीं पाती हैं। एक तो बारिश नहीं हो रही दूसरे दिन में इतनी तेज धूप ज्येष्ठ का एहसास करा रही है। खरीफ सीजन के पीक आवर में जब किसानों की फसल को जब पानी की आवश्यकता है तो नहरें बेपानी हैं। बिजली कटौती चरम पर है और रही-सही कसर कर्मियों ने हड़ताल कर पूरी कर दी। इनसेट--
अब सूखाग्रस्त घोषित हो जिला
खरीफ सीजन में बारिश न होने से जहां आधे खेतों में धान की रोपाई नहीं हुई तो अब पानी के अभाव में रोपे गए धान की खत्म होने के कगार पर हैं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व किसान नेता राकेश ¨सह ने शासन से अतिशीघ्र जनपद को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है। बताया कि जनपद में 40 फीसदी से कम बारिश हुई है और शासन का मानक है 33 फीसदी से कम बारिश का। ऐसे में किसानों की दशा को देखते हुए जल्द प्रशासन इसका संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत करें। शासन से मांग किया है कि सूखाग्रस्त घोषित करते हुए किसानों को राहत सामग्री वितरित की जाए।