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पीएसी संग डीएम ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का देखा हाल

क्षेत्र में कहर बरपा रही सरयू की बाढ़ व कटान ।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 09:38 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 09:38 PM (IST)
पीएसी संग डीएम ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का देखा हाल
पीएसी संग डीएम ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का देखा हाल

जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : क्षेत्र में कहर बरपा रही सरयू की बाढ़ व कटान का गुरुवार की शाम जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल ने पीएसी 20वीं बटालियन आजमगढ़ के साथ दौरा कर नदी की भयावहता को देखा। इस दौरान कटान रोकने के लिए हो रहे धीमे काम पर वे बिफर पड़े। उन्होंने सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को जल्द काम पूरा करने की चेतावनी दी। तो वहीं सरयू नदी पर बन रहे फोरलेन के पुल निर्माण की धीमी गति पर कार्यदायी संस्था जेपी एसोसिएट्स के अधिकारियों पर जताई नाराजगी।

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जिलाधिकारी ने जानकीघाट, गौरीशंकर घाट पर बाढ़ और कटान की स्थिति का जायजा लिया। संवेदनशील स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने मुक्तिधाम से लेकर सूरजपुर तक जलमार्ग से सिचाई विभाग के हुए कार्यों को भी देखा तथा बाढ़ तथा कटान से हो रहे नुकसान का जायजा लिया। डीएम ने नदी की उफनती धारा में स्टीमर से लगभग 15 किलोमीटर का गहन निरीक्षण किया। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी घोसी डा. सीएल सोनकर, सहायक अभियंता सिचाई मक्कू राम, जेई जेपी यादव, सुधाकर, अरविद कुमार पांडेय आदि उपस्थित थे।

कटान को लेकर गांव के लोग दहशत में

जागरण संवाददाता मधुबन(मऊ): पिछले दो दिनों से सरयू नदी का पानी तेजी से घट रहा है जो कि एक राहत की बात है मगर पानी घटने के साथ ही तेजी से कटान की चिता लोगों को सताने लगी है। यही वजह है कि मधुबन तहसील क्षेत्र के देवारा में सरयू नदी के किनारे बसे बिटोलिया, खैरा देवारा, जरलहवा जैसे गांव के लोग दहशत में हैं।

सबसे अधिक चितित बिटोलिया गांव के लोग हैं क्योंकि यह गांव नदी के सबसे अंतिम छोर पर बसा है और वर्तमान में यह सरयू नदी का दंश झेल भी रहा है। यहां इस साल के कटान में ही अब तक करीब 25 एकड़ खेती योग्य भूमि और छह रिहायशी मकान नदी में समा चुके हैं। यदि फिर से कटान शुरू होता है तो फिर आगे के नुकसान का अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है। वैसे प्रशासनिक स्तर पर आने वाले खतरे को लेकर तैयारियां ठीक-ठाक ही दिख रही हैं 7 एसडीएम मधुबन लालबाबू दुबे के अनुसार कटान के जद में आने वाले संभावित परिवारों को प्राथमिक विद्यालय में शरण दी गयी है। संभावित बाढ़ से निपटने के लिए अब तक 50 छोटे बड़े नाव का पंजीकरण कराया जा चुका है आगे जैसे हालात होंगे उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा। बिटोलिया गांव के लोगों पर प्रशासन की पूरी नजर है।


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