स्वास्थ्य संविदा कर्मियों ने मांगा समायोजन, प्रदर्शन
आउट सोर्सिंग बंद करने सहित चार सूत्रीय मांगों का डीएम को सौंपा ज्ञापन - आशाओं को न्यूनतम 10 हजार रुपये देने की उठाई मांग - मांगे न मानी जाने पर दी बेमियादी हड़ताल की चेतावनी
जागरण संवाददाता, मऊ : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारियों में अपनी लंबित मांगों को लेकर असंतोष और आक्रोश है। गुरुवार को एनएचएम संघ के अध्यक्ष संजीश ¨सह के नेतृत्व में स्वास्थ्य संविदा कर्मियों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और अपनी चार सूत्रीय मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। मांगे जल्द न मानने पर कर्मचारियों ने 21 जनवरी से बेमियादी हड़ताल की चेतावनी दी है।
एनएचएम संघ के मंत्री राजीव कुमार ¨सह ने कहा कि संविदा कर्मियों के मामले में सरकार को समान कार्य समान वेतन की विशिष्ट सेवा नीति को ही अपनाना होगा। संविदा कर्मियों के साथ दोहरा मापदंड न अपनाया जाए। कहा कि आउट सोर्सिंग या ठेका प्रणाली से कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगनी चाहिए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत जितने भी संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, उनका स्थायी समायोजन किया जाना चाहिए और नवीन पदों का सृजन करके रोजगार के अवसर बढ़ाने चाहिए। गांव में कार्यरत आशाओं का न्यूनतम मानदेय 10000 रुपये प्रतिमाह किया जाना चाहिए। अपनी मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। कहा कि यदि मांगे नहीं मानी गईं तो 18 जनवरी से काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन, 19 जनवरी को दो घंटे का कार्य बहिष्कार, 20 जनवरी को अंतिम चेतावनी स्वरूप पूरे दिन का कार्य बहिस्कार तथा 21 जनवरी आकस्मिक सेवा छोड़ सभी सेवाओं को बंद कर बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी जाएगी, जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। इस अवसर पर शैलजाकांत पांडेय, डा.अंजनी त्रिपाठी, डा.असफाक, डा.नौशाद, डा.कमाल, बृजेश ¨सह, डा.अश्वनी, कृष्णा राय, आशा देवी, एनएचएम संघ, अध्यक्ष सजीश ¨सह, मंत्री राजीव कुमार, राजकीय कुष्ठ कर्मचारी संघ के मंत्री शिवकुमार ¨सह, अविनाश सिसौदिया आदि उपस्थित थे।