Move to Jagran APP

- आसमान में काले बादलों का डेरा, बढ़ी आस

अगर मघबदरिया हो गई तो लगभग 96 हजार हेक्टेयर भूमि पर बोई गई गेहूं की फसल को जबरदस्त लाभ मिलेगा। बीते शाम से मौसम ने करवट बदल ली है। शनिवार को चली पुरवा हवाओं का ऐसा असर रहा कि रविवार को आसमान में काले बादलों ने डेरा जमा लिया। इससे बारिश की संभावना बढ़ गई है। बदले मौसम में किसानों को ज्यादे सतर्क रहने की जरूरत है। अगर बारिश हुई तो दलहनी-तिलहनी फसलों पर कीटों का प्रकोप बढ़ जाएगा जबकि आलू की फसल भी प्रभावित होगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 05:50 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 09:26 PM (IST)
- आसमान में काले बादलों का डेरा, बढ़ी आस

जागरण संवाददाता, मऊ : अगर मघबदरिया हो गई तो लगभग 96 हजार हेक्टेयर भूमि पर बोई गई गेहूं की फसल को जबरदस्त लाभ मिलेगा। बीते शाम से मौसम ने करवट बदल ली है। शनिवार को चली पुरवा हवाओं का ऐसा असर रहा कि रविवार को आसमान में काले बादलों ने डेरा जमा लिया। इससे बारिश की संभावना बढ़ गई है। बदले मौसम में किसानों को ज्यादे सतर्क रहने की जरूरत है। अगर बारिश हुई तो दलहनी-तिलहनी फसलों पर कीटों का प्रकोप बढ़ जाएगा जबकि आलू की फसल भी प्रभावित होगी।

loksabha election banner

खरीफ सीजन में पड़े अकाल के बाद अभी तक मौसम किसानों के प्रति प्रतिकूल ही रहा है। नहरें बेपानी, दिन में बिजली की अनउपलब्धता किसानों के लिए मुसीबत बनी थी। किसान रात को गलनभरी ठंड में गेहूं की ¨सचाई करने को विवश थे। हालांकि खरीफ सीजन की धान की फसल को खो चुके किसान रबी फसल से ही आस लगाए हुए हैं। इधर पूरा दिसंबर व जनवरी माह में अब तक एक दिन भी ठीक से कोहरा नहीं पड़ा। हालांकि ठंड पड़ रही है परंतु दिन में उग रही चटख धूप मौसम के बदलाव का एहसास करा रही है। मौसम के बदले रूख से किसान परेशान हैं। वर्तमान रबी सीजन में ¨सचाई के प्रशासनिक इंतजाम नाकाफी साबित होने पर किसान भी अब मायूस ही हो गए थे परंतु बदले मौसम ने उनकी उम्मीदों को जगा दिया है। बीती शाम से आसमान में काले मेघ छाए हुए हैं, जिससे किसानों की उम्मीदें बलवती हो चली है। हालांकि अगर कई दिनों तक ऐसा मौसम बना रहा तो दलहनी-तिलहनी व आलू की फसल पर कीटों व झुलसा का प्रकोप बढ़ जाएगा। मौसम का मिजाज हालांकि बना हुआ है ऐसे में बारिश की संभावना बनी हुई है। ऐसे मौसम में उप निदेशक कृषि एसपी श्रीवास्तव ने किसानों को सलाह दी है। इनसेट--

किसान यह बरतें सावधानी--

- अगर बारिश हो जाती है तो किसान तुरंत गेहूं की फसल में खर-पतवार नियंत्रण करें। इसके बाद यूरिया का छिड़काव करें।

- ऐसा मौसम बना रहा तो आलू में झुलसा का प्रकोप हो सकता है। किसान डाइथेन एम45 2.50 किलाग्राम प्रति हेक्टेयर 500 लीटर पानी में छिड़काव करें।

- सरसों की फसल में में माहो लगने का खतरा हो सकता है, ऐसे में मोनोक्लोरोफास एक लीटर 500-600 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें।

- ऐसे मौसम में चला में सेमीलुपर कीट का प्रकोप बढ़ जाता है। मोनोक्लोरोफास एक लीटर 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

- मटर में पत्तियां सफेद पड़ जाती है ऐसे में सल्फर तीन किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से 600 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.