समाज हित में हर ओर सक्रिय दिखती दबंग गर्ल
'वाकिफ़ तो हम भी हैं, मशहूर होने के तौर-तरीकों से, पर •ादि है हमें अपने अंदाज से जीने की'। यह बेफिक्री भरा अंदाज, मिला है बचपन से उन्हें। कहीं भी हो रहा हो अन्याय अथवा शोषण, पहुंच जाती रश्मि।
जागरण संवाददाता, मऊ : 'वाकिफ तो हम भी हैं मशहूर होने के तौर-तरीकों से, पर जिद्द है हमें अपने अंदाज से जीने की'। यह बेफिक्री भरा अंदाज, मिला है बचपन से उन्हें। कहीं भी हो रहा हो अन्याय अथवा शोषण, पहुंच जाती रश्मि। समाज के विविध क्षेत्रों में काम कर आधी आबादी को सशक्त व बचपन को सुरक्षित बनाने में लगी हुई हैं। जनपद के घोर ग्रामीण अंचल पनियरा में जन्मी रश्मि ¨सह के पिता भी सामाजिक कार्यकर्ता व वकील है। अपनी दोनों बेटियों को उन्होंने बचपन से बेटों की तरह पाला और किसी भी परिस्थिति में न डरने की हिम्मत और हौसला दिया। यही कारण रहा कि बड़ी बेटी रश्मि को गांव से लेकर कालेज तक सभी दबंग गर्ल के नाम से जानते थे।
रश्मि गत 15 साल से सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में समाज में योग नेचुरोपौथी के जरिए आमजनों बच्चों व महिलाओं को सेहतमंद रहने के लिए जागरूक कर रही हैं। वहीं उनको जहां भी जरूरत पड़ती कानूनी सहायता उपलब्ध कराती हैं। सामाजिक स्तर पर आपसी सहमति से लोगों के विवाद निपटाने के लिए भी सक्रिय रहती हैं। साथ ही बच्चों के बीच पर्यावरण जागरूकता अभियान को भी दिशा दे रही है। 2005 के दंगे के दौरान गजब साहस का परिचय देते हुए उन्होंने भटनी-मडुवाडीह पैसेंजर को आउटर पर रोकवा कर हजारों लोगों की जान माल की रक्षा की। साथ ही स्टेशन पर फंसे यात्रियों को भी सुरक्षित रूप से विभिन्न मार्गो से उनके निवास स्थान पर भेजने के लिए प्रशासन से आग्रह कर इसकी व्यवस्था कराई। रश्मि ने रेड लाइट एरिया में भी स्वास्थ्य, कानूनी व मानवाधिकार के लिए भी कार्य किया है। उनकी बुनियादी सुविधाएं जैसे राशनकार्ड, वृद्धावस्था पेंशन आदि की उपलब्धता सुनिश्चित किया। वर्तमान में वे जनपद के साथ पूर्वांचल में प्राकृतिक खेती के साथ साथ ऑर्गेनिक सब्जी फल आदि के क्षेत्र में कार्य करने की योजना बना रही हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन की सदस्य हैं। यूनिसेफ और डब्लूएचओ के साथ पूर्वांचल से पोलियो मुक्ति अभियान में सहयोग दिया। ब्लड बैंक के लिए मुहिम चलाई भारत सरकार को पत्रक भेजा। स्कूली बच्चों को राजनीतिक दलों द्वारा जागरूकता अभियान में न लगाएं जाने हेतु बाल अधिकार आयोग और चुनाव आयोग को पत्रक दिया, जिसका आयोग ने संज्ञान भी लिया।