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नवीन आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण में खेल

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में नवीन आशा बहुओं का आठ दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण बीते 30 मार्च से शुरू है। कहने को तो यह प्रशिक्षण आवासीय है जिसमें आशाओं को चाय नाश्ता दोपहर का भोजन और शाम का भोजन भी देना है लेकिन केवल एक टाइम का भोजन खिलाकर उन्हें आवासीय सुविधा देने की बजाय घर भेज दिया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 05:06 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 05:06 PM (IST)
नवीन आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण में खेल
नवीन आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण में खेल

जागरण संवाददाता, मऊ : मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में नवीन आशा बहुओं का आठ दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण बीते 30 मार्च से शुरू है। कहने को तो यह प्रशिक्षण आवासीय है, जिसमें आशाओं को चाय, नाश्ता, दोपहर का भोजन और शाम का भोजन भी देना है, लेकिन केवल एक टाइम का भोजन खिलाकर उन्हें आवासीय सुविधा देने की बजाय घर भेज दिया जाता है। सूत्रों की माने तो आशाओं के प्रशिक्षण मद में आने वाली धनराशि का ज्यादातर हिस्सा विभागीय खेल का शिकार हो जाता है।

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सरकार की ओर से 1500 तक की आबादी पर एक व इससे अधिक आबादी होने पर दो आशा कार्यकर्ताओं के चयन का विधान किया गया है। वर्तमान में सीएमओ कार्यालय सभागार में 30 आशा बहुओं का प्रशिक्षण चल रहा है। पहले यह प्रशिक्षण 21 दिन का और अलग-अलग फेज में हुआ करता था, लेकिन अब इसे छोटा करते हुए केवल आठ दिन का व आवासीय कर दिया गया है। आशाओं को दिए जा रहे प्रशिक्षण की समयावधि कम होने के बावजूद इसे मानक के अनुसार नहीं दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान आशाओं को उनकी भूमिका, ग्राम स्वास्थ्य रजिस्टर, आशा डायरी, अनिवार्य कार्य, संक्रामक रोगों के प्रकार, आहार और स्वास्थ्य का संबंध आदि विषयों की जानकारी आठ दिन में देनी होती है। डिस्ट्रिक्ट कम्यूनिटी प्रोग्राम मैनेजर संतोष सिंह की मानें तो 142 नवीन आशाओं का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है और पांचवे बैच का प्रशिक्षण चल रहा है। प्रशिक्षक सतीश सिंह, रविशंकर ओझा, विपिन सिंह व सुरेंद्र प्रताप सिंह प्रशिक्षण दे रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर कई आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि उन्हें शाम को नहीं रोका जाता है। इस बाबत पूछे जाने पर डीसीपीएम ने बताया कि आशा कार्यकत्रियां महिला हैं, इसलिए सुरक्षा कारणों से उन्हें शाम को घर जाने दिया जाता है।


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