बेसहारा को रखने के लिए हो रहा निर्माण नाकाफी
कोपागंज ब्लाक के एकौना पशु आश्रय स्थल का हाल दिनोंदिन बिगड़ता जा रहा है। ठंड से यहां पशुओं की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पशुओं के आए दिन मरने के बाद भी प्रशासन इस आश्रय स्थल का कोई सुधि नहीं ले रहा है। शिकायत के बाद बीमार मवेशियों को देखने के लिए ब्लाक से डाक्टर आते तो है लेकिन खानापूर्ति करके चले जाते हैं।
जागरण संवाददाता, मऊ : कोपागंज ब्लाक के एकौना पशु आश्रय स्थल का हाल दिनोंदिन बिगड़ता जा रहा है। ठंड से यहां पशुओं की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पशुओं के आए दिन मरने के बाद भी प्रशासन इस आश्रय स्थल का कोई सुधि नहीं ले रहा है। शिकायत के बाद बीमार मवेशियों को देखने के लिए ब्लाक से डाक्टर आते तो है लेकिन खानापूर्ति करके चले जाते हैं।
एकौना पशु आश्रय स्थल में ठंड से रोज पशु मर रहे हैं। शुक्रवार को भी यहां तीन पशुओं की मौत हुई जबकि तीन मरणासन्न स्थिति में हैं। मृत पशुओं को दिन में कुत्ते, कौवे और सियार अपना आहार बना रहे थे। आश्रय स्थल में आवारा कुत्तों की संख्या भी बढ़ती जा रही है, इससे आने जाने वाले भी सहमे है। अभी कुछ दिन पहले ही यहां हो रही मौतों को लेकर जागरण में खबर प्रकाशित हुई थी। इसके तुरंत बाद यहां पशुओं को रहने के लिए कुछ निर्माण कार्य कराए गए। हालांकि मवेशियों के संख्या के लिहाज से यह पूरे इंतजाम नाकाफी हैं। अभी इस आश्रय स्थल में कुल सौ से अधिक पशु हैं लेकिन रहने का इंतजाम 50 का भी नहीं है। शुक्रवार की सुबह यहां तीन पशुओं की मौत हो गई थी और उनको दिन में भी कुत्ते और अपना भोजन बना रहे थे। सबेरे 8.00 बजे सिर्फ एक व्यक्ति सभी पशुओं को चारा दे रहा था। उसने बताया कि अभी तक कोई सफाईकर्मी नहीं आया है। गांव के शिवधन, पंकज, सूरज व सुमित आदि का कहना है कि मवेशियों को रहने के लिए यहां उचित इंतजाम नहीं है। इनको चारे का भी सही इंतजाम नहीं है।