कठुआई निकली सुबह, दोपहर बाद दिखे सूर्यदेव
इधर कई दिनों से शीतलहर पड़ने के बावजूद चटख धूप ने अभी तक जाड़े का ठीक से भान नहीं कराया था। सोमवार से घिरा बादलों का घेरा मंगलवार की सुबह तक जारी रहा।
जागरण संवाददाता, मऊ : इधर कई दिनों से शीतलहर पड़ने के बावजूद चटख धूप ने अभी तक जाड़े का ठीक से भान नहीं कराया था। सोमवार से घिरा बादलों का घेरा मंगलवार की सुबह तक जारी रहा। दूसरे दिन भी कठुआई निकली सुबह और बह रही हवा के झोंकों से लोग कंपकंपा उठे। 32 घंटों से बाद सूर्यदेव मंगलवार की दोपहर बाद बादलों का घेरा तोड़कर निकले तो जनमानस ने राहत की सांस ली। भुवन भाष्कर के दर्शन दो दिनों से न होने से तापमान में काफी गिरावट आई और शीतलहर ने पांव पसार लिए। लोग मोटे ऊनी, गरम कपड़ों के लबादे से ढके नजर आने लगे। सुबह स्कूल जाते समय नौनिहालों को ठंड के संकट का सामना करना पड़ा। चिकित्सकों का मानना है कि इस तरह के बन रहा मौसम आमजन के लिए खतरनाक है। इसलिए इस तरह के मौसम में विशेष सावधानी बरतनी होगी।
मौसम के मिजाज में अचानक बदलाव से लोगबाग कांप उठे। शाम होने से पूर्व ही ओस फिर सघन होने लगी। इस दौरान सर्वाजनिक स्थलों पर अलाव का न जलना सुबह में लोगों को अखरा। दोपहर ढलते ही तापमान में गिरावट शुरू हो गई और शाम के बाद से ही ठंड का असर गहराता गया। ऐसे मौसम में रात में ¨सचाई करते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह लोगों के टहलने से लेकर अन्य प्रात:कालीन दिनचर्या को भी मौसम ने पूरी तरह प्रभावित कर दिया। इनसेट--
मौसमी हो आहार-विहार
जिला अस्पताल में होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डा.नम्रता श्रीवास्तव बताती हैं कि अचानक इस तरह का बन रहा मौसम स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करेगा। ठंड और बदली के बीच तापमान में गिरावट के दौर में काफी बचकर रहना होगा। इस तरह का मौसम त्वचा और शरीर को प्रभावित करेगा। ऐसे में सर्दी-जुकाम, अकड़न, जोड़ों में दर्द के साथ हृदय रोग की तीव्रता में तेजी आती है। रोग होने पर दवा लेने की बजाए उसे होने से रोकने के लिए प्रयत्न होना चाहिए। मौसम के अनुसार आहार-विहार होना चाहिए। स्टेराइड दवाओं के इस्तेमाल से बचना चाहिए।
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ठंड ने दिखाया रंग, अलाव बना सहारा
जासं, मुहम्मदाबाद गोहना (मऊ) : सोमवार की सुबह से ही आसमान में चारों तरफ बादल दिखाई देने लगे, बादलों का यह घेरा मंगलवार तक कायम रहा। सूर्यदेव के न निकलने से ठंड में और इजाफा हो गया। लोग ठंड के मारे कांपते नजर आए। अचानक ठंड ने अपना रंग दिखाते हुए अब असर दिखाना शुरू किया तो राहत पाने के लिए लोग अलाव का सहारा लेने को विवश हुए। छोटे बच्चों को ठंड से बचाने के लिए लोगों ने उन्हें पूरी तरह से गर्म कपड़ों से ढक दिया था। खुद भी सयाने लोग पूरी तरह से ऊनी लबादे में नजर आए। बूढ़े बुजुर्गों ने अलाव के चारों तरफ डेरा डाल दिया। तापमान में गिरावट आने के साथ-साथ मौसम में ठंड बढ़ने लगी है। जबकि अभी प्रशासन के स्तर पर कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है।
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ठंड बढ़ी, अलाव व्यवस्था नदारद
जासं, मधुबन (मऊ) : स्थानीय तहसील क्षेत्र में सोमवार के बाद मंगलवार को भी पूरे दिन सूर्य देवता बादल की ओट मे छिपे रहे। इससे बदली के बीच ठंड ने पूरे क्षेत्र को अपने आगोश में ले लिया है। इसके बावजूद अलाव की व्यवस्था कहीं होती नजर नहीं आई। क्षेत्र में ठंड ने ऐसी दस्तक दिया कि बाक्स में बंद पड़े टोपी व दस्ताने बाहर निकल गए। वहीं लोग अलाव की तलाश में इधर-उधर भटकते नजर आए। दिन में वाहनों को लाइट जलाकर चलना पड़ रहा था। हालांकि आसमान में बदली छाए रहने से बारिश के भी आसार नजर आ रहे थे। इस सबके बावजूद प्रशासन द्वारा अलाव जलता हुआ कहीं नजर नहीं आया।