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बजट से लोगों के उम्मीदों को झटका, नहीं पूरे हुए अरमान

मऊ प्रदेश सरकार के बजट से जनपदवासियों को तमाम अपेक्षाएं थी लेकिन उनकी उम्मीदों को झटका लगा है। सरकार ने जनपदवासियों के लिए कोई भी घोषणा नहीं की है। वर्षों से यहां के लोगों की दो ओवरब्रिज की मांग अधूरी रह गई। बुनकर काफी दिनों से विशेष पैकेज की आस लगाए थे। उन्हें भी कुछ नहीं मिला है। इससे लोगों में निराशा जरूर है लेकिन संयुक्त बजट में लोगों को तमाम लाभ मिल रहे हैं। यही नहीं सरकार की तरफ से 25 हजार बुनकरों को रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे बुनकरों को राहत मिलेगी। युवाओं को रोजगार के लिए अभी तक कुछ नहीं मिला है। इससे युवा बेरोजगार पूरी तरह से परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 06:47 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:12 AM (IST)
बजट से लोगों के उम्मीदों को झटका, नहीं पूरे हुए अरमान
बजट से लोगों के उम्मीदों को झटका, नहीं पूरे हुए अरमान

जागरण संवाददाता, मऊ : प्रदेश सरकार के बजट से जनपदवासियों को तमाम अपेक्षाएं थी लेकिन उनकी उम्मीदों को झटका लगा है। सरकार ने जनपदवासियों के लिए कोई भी घोषणा नहीं की है। वर्षों से यहां के लोगों की दो ओवरब्रिज की मांग अधूरी रह गई। बुनकर काफी दिनों से विशेष पैकेज की आस लगाए थे। उन्हें भी कुछ नहीं मिला है। इससे लोगों में निराशा जरूर है लेकिन संयुक्त बजट में लोगों को तमाम लाभ मिल रहे हैं। यही नहीं सरकार की तरफ से 25 हजार बुनकरों को रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे बुनकरों को राहत मिलेगी। युवाओं को रोजगार के लिए अभी तक कुछ नहीं मिला है। इससे युवा बेरोजगार पूरी तरह से परेशान हैं।

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केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत आम बजट में भी जनपद के लोगों को कुछ नहीं मिला था। इससे लोगों को उम्मीद थी कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में कुछ न कुछ जरूर मिलेगा। इसके लिए लोग सुबह से ही टीवी से चिपके रहे। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना द्वारा करीब 11 बजे के बाद बजट प्रस्तुत किया गया। इस दौरान देर तक लोग टीवी से चिपक कर बजट की जानकारी ले रहे थे लेकिन उन्हें अंत तक निराशा ही हाथ लगी। मऊ के लिए सरकार की तरफ से पेश किए गए बजट में कुछ नहीं मिला। रेलवे फाटक व मुहम्मदाबाद-चिरैयाकोट मार्ग पर ओवरब्रिज

बनाए जाने की मांग काफी दिनों से चल रही है लेकिन इस बजट में भी इसका ध्यान नहीं दिया गया। ओवरब्रिज न होने की वजह से यहां के लोग काफी दिनों से जाम से जूझ रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या यहां के बुनकरों की है। यहां के बुनकरों का कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। बुनकरों की साड़ियां बिक नहीं पा रही हैं। सूरत की साड़ियों ने यहां के कारोबार को संकट में डाल दिया है। वह रोजी रोटी को मोहताज हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से लोगों को यात्रा में सहूलियत तो होगी लेकिन रोजगार के लिए भी कुछ विशेष पैकेज नहीं मिला।

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दोहरीघाट पंप कैनाल पर नहीं बनी योजना

सरकार के बजट में दोहरीघाट पंप कैनाल के लिए कोई योजना नहीं बनी। दोहरीघाट पंप कैनाल अपनी आधी क्षमता पर चल रही है। इसे बढ़ाने के लिए कोई सरकार ने कदम नहीं उठाया। किसान नेता देवप्रकाश राय ने कहा कि पंप कैनाल पकड़ी पूरी तरह से बंद है। इसे भी चालू कराने की योजना नहीं बनी जबकि किसानों के सिचाई का साधन पंप कैनाल है। ऐसे में किसानों के साथ सरकार ने न्याय नहीं किया है।

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युवाओं को मिल सकती है रोशनी

युवाओं को दक्ष बनाकर उन्हें स्वरोजगार और नौकरियों के काबिल बनाने के लिए बजट में दसवीं कक्षा से स्नातक तक के विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप योजना शुरू करने का ऐलान किया गया है। इंटर्रशिप योजना से युवाओं को नई रोशनी मिलेगी और उन्हें राहत मिलेगी। यहां के युवाओें के लिए सबसे बड़ा संकट रोजगार है। रोजगार न होने से लोग इधर-उधर भटक रहे हैं। ऐसे में ईटर्रशिप योजना से उम्मीद जगेगी।

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ओडीओपी योजनों से बुनकरों को मिलेगा लाभ

रोजगार मुहैया कराने के लिहाज से उपयोगी मानी जा रही एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना को सरकार ने आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। इससे जनपद के बुनकरों को राहत मिल सकती है। ओडीओपी के तहत यहां के बुनकरों की साड़ियों को अगर ऊंचाइयां मिलती हैं तो बुनकरों का संकट खत्म हो जाएगा। यही नहीं सरकार ने महिलाओं पर ज्यादा मेहरबानी दिखाई है।

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बुनकरों की प्रतिक्रिया:::::::::::::

केंद्र सरकार के आम बजट की तरह इस बजट में बुनकरों के लिए कुछ नहीं मिला। बुनकर पूरी तरह से परेशान हैं। उसके रोजी रोटी के लाले पड़े हुए हैं। ऐसे में राज्य सरकार से बुनकरों को काफी उम्मीद थी।

फोटो ::28:-मुहम्मद युसुफ अंसारी : बुनकर

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बुनकरों का साड़ी कारोबार दम तोड़ता जा रहा है। सरकार से अपेक्षा थी कि कोई बड़ा पैकेज बुनकरों को मिलेगा लेकिन बुनकरों को सरकार ने झुनझुना थमा दिया है। इससे विश्वास उठता जा रहा है।

फोटो-29-इरशाद अहमद :::बुनकर

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बुनकरों का साड़ी कारोबार पूरी तरह से मंदा हो गया है। चाहकर भी वह कुछ नहीं कर पा रहा है। समय से बिजली भी नहीं मिल पा रही है। इसकी वजह से उनका कारोबार पूरी तरह से बंद होने के कगार पर है। सरकार ने ठेंगा दिखा दिया।

फोटो::30--एहतेशामुर्रहमान : बुनकर

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आम बजट में बुनकरों को कुछ नहीं मिला। यहां के बुनकरों का कारोबार साड़ी बुनाई है। उन्हें उम्मीद थी कि सरकार इस बजट में कुछ नया जरूर करेगी लेकिन उनके अरमानों पर पानी फिर गया। बुनकर पूरी तरह से रोजी रोटी को मोहताज है।

फोटो ..31सी..हाजी सगीर अहमद : बुनकर।


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