विकास योजनाओं से दूर भुसुवां की बस्ती
जागरण संवाददाता, खुरहट (मऊ) : यूं तो ग्रामीण विकास का जिम्मा जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत व ग्राम
जागरण संवाददाता, खुरहट (मऊ) : यूं तो ग्रामीण विकास का जिम्मा जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायतों का है परंतु केंद्र व राज्य सरकार की चलने वाली दर्जनों योजनाओं के बाद भी गांवों के लोग विकास से महरूम हैं। विकास खंड रानीपुर के भुसुवां ग्राम पंचायत के रविदास मंदिर के पास 20 घरों की आबादी वाले बस्ती के लोग अपनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। आलम यह है कि आजादी के सात दशक के बाद भी इस बस्ती में विकास की एक किरण भी नहीं पहुंची। न तो कोई चकरोड बना है और न ही बस्ती के अंदर नाली। खडंजा, बिजली, पानी, शौचालय, आवास, स्वास्थ्य संसाधन आदि की समुचित व्यवस्था नहीं है।
बस्ती के लोग कई दशकों से इसका दंश झेल रहे हैं लेकिन आज तक कोई जनप्रतिनिधि या कोई संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उक्त बस्ती के तरफ उल्टी नजर भी नहीं देखा। कागजातों में चकरोड कायम है लेकिन आज तक किसी प्रधान ने बनवाने की जहमत तक नहीं उठाई। बस्ती के लोग केवल वोट देने तक ही सीमित होकर रह गए हैं। आलम यह है कि खेतों की मेड़ से होकर लोग आते-जाते हैं। बरसात के दिनों में बूढ़े-बुजुर्गों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सुखे के समय तो लोग किसी तरह मेड़ों से होकर आने-जाने का काम कर लेते हैं लेकिन बरसात के दिनों में लोगों को काफी कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। वर्तमान में उक्त रास्ते पर घुटने तक पानी भरा हुआ है। बस्ती के रामअवध ने बताया कि किसी कार्य हेतु बुजुर्गों को पकड़कर ले जाना और ले आना पड़ता है। कभी-कभी पानी में फिसलकर गिर जाते है और चोटिल भी होते हैं। बस्ती के दूधनाथ, घुरपत, निरपत, सघई, एकराम, लालजी, ऋषि, लालू, रामवृक्ष, त्रिलोकी, कैलाश, विनोद ,हरिश्चंद्र आदि का कहना है कि क्या उक्त बस्ती के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है, अगर है तो आज तक चकरोड क्यों नहीं बनाया गया।