भास्कर ने राह बदली, आनंद से नहा उठी सृष्टि
सौर मंडल के मुखिया भगवान सूर्य के धनु से मकर राशि में पहुंचने की प्राकृतिक घटना के उपलक्ष्य में स्नान-दान का पर्व मकर संक्रांति मंगलवार को भी पूरे जनपद में श्रद्धा एवं परंपरागत उल्लास के बीच मनाया गया।
जागरण संवाददाता, मऊ : सौर मंडल के मुखिया भगवान सूर्य के धनु से मकर राशि में पहुंचने की प्राकृतिक घटना के उपलक्ष्य में स्नान-दान का पर्व मकर संक्रांति मंगलवार को भी पूरे जनपद में श्रद्धा एवं परंपरागत उल्लास के बीच मनाया गया। जिला मुख्यालय के ब्रह्मस्थान सहित अनेक स्थानों पर मेला लगा तो अनेक स्थानों पर खेलकूद के आयोजन हुए। दोहरीघाट में सरयू नदी व नगर तथा अन्य स्थानों पर तमसा नदी व पवित्र सरोवरों में स्नानार्थियों का रेला उमड़ पड़ा। स्नान-ध्यान कर लोगों ने दान-दक्षिणा दे पुण्य अर्जित किए। रबी की बोआई, ¨सचाई आदि से निवृत्त होकर लोग खरीफ के मुख्य उत्पाद धान और तिल से बने लाई, चूरा, तिलवा, तिलकुट आदि व्यंजनों का आनंद लिया। बहू-बेटियों और ससुराल में रह रही बहनों को वस्त्र, आभूषण, अन्न व अनाज से बने व्यंजनों के उपहार भेजे गए। खरमास के समाप्त होने के साथ ही अनेक शुभ कार्यों की तैयारियां आरंभ हो गईं। इस दौरान आसमान रंग-बिरंगी पतंगों की कलाबाजियों से तरंगित हो उठा था।
जनपद में प्रात:काल से ही मकर संक्रांति पर्व का उल्लास ठांठें मार रहा था। इस दिन से सूर्य के उत्तरायण होने से दिन की अवधि व वातावरण में ऊष्मा बढ़ जाती है। समस्त चराचर सृष्टि के प्राणाधार सूर्य सनातन भारतीय आस्था में प्रत्यक्ष देव के रूप में पूजित हैं। मूल रूप से प्रकृति के साथ एकाकार भारतवासियों ने इस खगोलीय बदलाव को उत्सव के रूप में मनाया। बच्चे प्रात:काल ही स्नान करके बड़ों का चरण छूकर आशीर्वाद लिए और पतंगबाजी में जुट गए। सभी ने लाई-तिलवा, गुड़ आदि का जमकर आनंद उठाया व एक दूसरे को उपहार स्वरूप भेंट भी किए। नगर के ब्रह्मस्थान मंदिर पर लोगों ने खिचड़ी चढ़ाई व मेले का आनंद उठाया। इस दौरान हरिकीर्तन भी हुआ।
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शीतला माता धाम व वनदेवी में उमड़े श्रद्धालु
नगर के शीतला माता धाम व जनपद के वनदेवी धाम में मकर संक्रांति के अवसर पर सैकड़ों लोगों ने मां का दर्शन पूजन किया। पुलिस की कोई व्यवस्था न होने के कारण श्रद्धालुओं को दर्शन पूजन करने में काफी परेशानी हुई। उक्त अवसर पर धाम परिसर में एक मेला भी लगा। युवाओं ने चाट, पकौड़ी, जलेबी एवं चरखी का आनंद लिया। पानी पीने की भी किल्लत रही। पुजारी ने बताया कि पांच हजार से अधिक लोगों ने मां का दर्शन पूजन किया।