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बैंकों की मनमानी से लाभार्थियों को नहीं मिल रहा लाभ

बैंकों की मनमानी से सरकार की योजना को पलीता लग रहा है। महीनों से बैंकों के चक्कर काटने के बावजूद पात्रों को ऋण अब तक नहीं मिला। पिछले लाकडाउन के दौरान रेहड़ी-पटरी और छोटे दुकानदारों को फिर से पटरी पर लाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम स्वनिधि योजना के तहत कम ब्याज दर पर दस हजार रुपये के ऋण दिए जाने की योजना चलाई थी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 05:47 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 05:47 PM (IST)
बैंकों की मनमानी से लाभार्थियों को नहीं मिल रहा लाभ
बैंकों की मनमानी से लाभार्थियों को नहीं मिल रहा लाभ

जागरण संवाददाता, कोपागंज (मऊ) : बैंकों की मनमानी से सरकार की योजना को पलीता लग रहा है। महीनों से बैंकों के चक्कर काटने के बावजूद पात्रों को ऋण अब तक नहीं मिला। पिछले लाकडाउन के दौरान रेहड़ी-पटरी और छोटे दुकानदारों को फिर से पटरी पर लाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम स्वनिधि योजना के तहत कम ब्याज दर पर दस हजार रुपये के ऋण दिए जाने की योजना चलाई थी।

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जिला प्रशासन ने भी सरकार के इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को दिए जाने के लिए कई जगह शिविर लगाकर लक्ष्य निर्धारित किया था। इसके बाद नगर पंचायत प्रशासन ने 695 लक्ष्य के सापेक्ष 654 लोगों की आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर नगर क्षेत्र के सभी राष्ट्रीय बैंकों में ऋण की स्वीकृति के लिए फाइलें भेज दी। बैंक प्रशासन की मनमानी के चलते 100 से अधिक पात्रों की ऋण की फाइलें आज भी लटकी हुई है। इस संबंध में जब नगर पंचायत कार्यालय से संपर्क किया जाता है तो सारा ठिकरा बैंकों पर ही फोड़ दिया जाता है। योजना के अंतर्गत ऋण देने में सबसे अधिक हीलाहवाली की शिकायत एसबीआइ ब्रांच की है।


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