पहले था यह स्टेशन, हाल्ट क्यों बनाओगे
जागरण संवाददाता घोसी (मऊ) स्थानीय रेलवे स्टेशन को अमान परिवर्तन के दौरान हाल्ट बनाए जाने
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : स्थानीय रेलवे स्टेशन को अमान परिवर्तन के दौरान हाल्ट बनाए जाने के विरोध में बुधवार को एक दिवसीय उपवास धरना सभा में, 'सब जहां में बढ़ते हैं घोसी को घटाओगे, पहले था यह स्टेशन, हाल्ट क्यों बनाओगे', को भले ही शायर सलमान घोसवी ने पढ़ा पर ऐसा भाव हरेक वक्ता ने आक्रोश भरे स्वर में व्यक्त किया।
दरअसल गत माह 22 अगस्त तक आमान परिवर्तन के दौरान घोसी को रेलवे स्टेशन का रूप दिया जा रहा था। तहसील मुख्यालय होने के चलते यहां पर अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय व्यवस्था भी विकसित की जा रही थी पर अचानक 23 अगस्त को इसे हाल्ट बनाए जाने का निर्णय सुनाकर रेलवे के अधिकारियों ने नगर ही नहीं समूचे क्षेत्रवासियों को सकते में डाल दिया।
ज्ञापन सौंपने एवं वार्ता के बावजूद कोई परिणाम न निकलने पर घोसी संघर्ष समिति ने बुधवार को रेलवे स्टेशन के सामने एकदिनी उपवास किया।
समिति के अध्यक्ष अरविद पांडेय, खुर्शीद खान, रणधीर सिंह, बद्री तिवारी, दीपचंद निषाद, सुधाकर यादव, अब्दुल मन्नान खान आदि ने घोसी को हाल्ट बनाए जाने के विरोध में वार्ता के साथ ही हर आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी।