Move to Jagran APP

शाकाहारी बनो और त्याग दो शराब : उमाकांत

बाबा जय गुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत बाबा उमाकांतजी ने कहा कि शाकाहारी बनने और शराब छोड़ने से ही मानव मात्र का भला होगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 04:06 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 04:06 PM (IST)
शाकाहारी बनो और त्याग दो शराब : उमाकांत
शाकाहारी बनो और त्याग दो शराब : उमाकांत

जागरण संवाददाता, दोहरीघाट/ रानीपुर (मऊ) : बाबा जय गुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत बाबा उमाकांतजी ने कहा कि शाकाहारी बनने और शराब छोड़ने से ही मानव मात्र का भला होगा। क्योंकि मनुष्य जैसा कर्म करता है परमात्मा उसको वैसा ही फल देता है। वे शनिवार को रानीपुर क्षेत्र अंतर्गत एसजीडी ¨सहेल महिला इंटर कालेज फतेहपुर और दोहरीघाट में भक्तों को संबोधित कर रहे थे।

loksabha election banner

बड़ी संख्या में आए भक्तों को उन्होंने मेहनत और ईमानदारी से कमाने की नसीहत देते हुए कहा कि शराब बुद्धि नाशक है। हड़ताल, तोड़फोड़, लड़ाई, आंदोलन, धरना, ¨हसा, हत्या, आत्महत्या, ¨नदा व बुराई मत करो। पाप कर्मों से दब जाओगे। सत्संग में उपस्थित सभी अनुयायी गुलाबी रंग का गमछा अथवा गुलाबी रंग का वस्त्र धारण किए थे। बाबा ने कहा कि अब खाकी बोरा पहने की आवश्यकता नहीं है, गुलाबी वस्त्र से ही आप लोगों को हर तरह की सुरक्षा मिलेगी। बाबा ने कहा सभी जीव-जंतुओं पर दया करनी ही चाहिए लेकिन अपनी आत्मा पर भी दया करो। कहा कि आग लगी आकाश में झर-झर गिरे अंगार, संत न होते धरती पर तो जल मरता संसार। परमात्मा ने मनुष्य का शरीर भजन, भाव और जीवों पर दया करने के लिए ही दिया है। बाबा उमाकांत के सत्संग के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। दोहरीघाट में आयोजक मंडल में सत्यदेव पाठक, जयप्रकाश बरनवाल, आलोक कुमार ¨सह, संतोष ¨सह, राजेश ¨सह, कृपाशंकर आदि थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.