शाकाहारी बनो और त्याग दो शराब : उमाकांत
बाबा जय गुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत बाबा उमाकांतजी ने कहा कि शाकाहारी बनने और शराब छोड़ने से ही मानव मात्र का भला होगा।
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट/ रानीपुर (मऊ) : बाबा जय गुरुदेव के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी संत बाबा उमाकांतजी ने कहा कि शाकाहारी बनने और शराब छोड़ने से ही मानव मात्र का भला होगा। क्योंकि मनुष्य जैसा कर्म करता है परमात्मा उसको वैसा ही फल देता है। वे शनिवार को रानीपुर क्षेत्र अंतर्गत एसजीडी ¨सहेल महिला इंटर कालेज फतेहपुर और दोहरीघाट में भक्तों को संबोधित कर रहे थे।
बड़ी संख्या में आए भक्तों को उन्होंने मेहनत और ईमानदारी से कमाने की नसीहत देते हुए कहा कि शराब बुद्धि नाशक है। हड़ताल, तोड़फोड़, लड़ाई, आंदोलन, धरना, ¨हसा, हत्या, आत्महत्या, ¨नदा व बुराई मत करो। पाप कर्मों से दब जाओगे। सत्संग में उपस्थित सभी अनुयायी गुलाबी रंग का गमछा अथवा गुलाबी रंग का वस्त्र धारण किए थे। बाबा ने कहा कि अब खाकी बोरा पहने की आवश्यकता नहीं है, गुलाबी वस्त्र से ही आप लोगों को हर तरह की सुरक्षा मिलेगी। बाबा ने कहा सभी जीव-जंतुओं पर दया करनी ही चाहिए लेकिन अपनी आत्मा पर भी दया करो। कहा कि आग लगी आकाश में झर-झर गिरे अंगार, संत न होते धरती पर तो जल मरता संसार। परमात्मा ने मनुष्य का शरीर भजन, भाव और जीवों पर दया करने के लिए ही दिया है। बाबा उमाकांत के सत्संग के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। दोहरीघाट में आयोजक मंडल में सत्यदेव पाठक, जयप्रकाश बरनवाल, आलोक कुमार ¨सह, संतोष ¨सह, राजेश ¨सह, कृपाशंकर आदि थे।