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राज्यवित्त व 14वां वित्त के खातों पर लगी रोक हटी

गांव में निवास कर रहे लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है। गांव में विभिन्न रास्तों नाली खड़ंजा आदि से परेशान लोगों की समस्याओं का अब निस्तारण हो जाएगा। साथ ही मनरेगा की तर्ज पर अब ग्रामीण यह भी देख सकेंगे कि गांव में कौन सा कार्य हुआ है और कौन नहीं। क्योंकि शासन द्वारा राज्यवित्त एवं 14वां वित्त के खातों पर लगी रोक को हटा दिया गया है। शासन से फरमान मिलने के बाद जिलाधिकारी ने पत्र लिख कर निर्देश जारी किया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 07:13 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 07:13 PM (IST)
राज्यवित्त व 14वां वित्त के खातों पर लगी रोक हटी
राज्यवित्त व 14वां वित्त के खातों पर लगी रोक हटी

जागरण संवाददाता, वलीदपुर (मऊ) : गांव में निवास कर रहे लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है। गांव में विभिन्न रास्तों, नाली, खड़ंजा आदि से परेशान लोगों की समस्याओं का अब निस्तारण हो जाएगा। साथ ही मनरेगा की तर्ज पर अब ग्रामीण यह भी देख सकेंगे कि गांव में कौन सा कार्य हुआ है और कौन नहीं। क्योंकि शासन द्वारा राज्य वित्त एवं 14वां वित्त के खातों पर लगी रोक को हटा दिया गया है। शासन से फरमान मिलने के बाद जिलाधिकारी ने पत्र लिख कर निर्देश जारी किया है।

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जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने निर्देश जारी किया है कि बीते शासन द्वारा ग्राम पंचायत निधि पर रोक लगाई गई थी। जिससे ग्राम पंचायतों में कराए जा रहे विकास कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो गए थे। ग्राम पंचायतों में प्रिया साफ्ट के द्वारा पीएफएमएस के माध्यम से भुगतान की कार्यवाही की गई है। अब गांव में जो भी विकास कार्य उपरोक्त मद से कराए जाएंगे सभी का भुगतान पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम द्वारा ही किया जाएगा। इसके लिए जनपद के सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों को निर्देश दिया गया है। अन्य किसी माध्यम चेक, लेटर एडवाइज व आरटीजीएस आदि से भुगतान स्वीकृत नहीं किया जाएगा। डीएम ने निर्देश की प्रतिलिपि जनपद के समस्त खंड विकास अधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला प्रबंधक अग्रणी बैंक मैनेजर, ब्लाकों के समस्त सहायक पंचायत अधिकारियों एवं संबंधित बैंक मैंनेजरों को भेजा है। ''गांव में विकास कार्य में किए जा रहे सरकारी धन के खर्च में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने इस तरह की व्यवस्था अपनाई है। इसमें किसी तरह की कोई भी प्रधान या सचिव धन का दुरुपयोग नहीं कर पाएगा। जिस तरह से मनरेगा की वेबसाइट से सारा लेखा-जोखा आम जनों को मिल जाता है, ठीक उसी तरह से राज्यवित्त एवं 14वें वित्त द्वारा कराए गए कार्यों का पूरा लेखा-जोखा भुगतान के 12 घंटे बाद सरकारी पोर्टल पर दिखाने लगेगा। कोई भी व्यक्ति अब देख सकता है।''

-जयेश कुमार सिंह, खंड विकास अधिकारी मुहम्मदाबाद गोहना।


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