डायरिया से बचाव व रोकथाम को चलेगा जागरुकता अभियान
जागरण संवाददाता मऊ पिछले दिनों हुई मूसलधार बारिश के बाद निचले इलाकों सहित अधिकतर जग
जागरण संवाददाता, मऊ : पिछले दिनों हुई मूसलधार बारिश के बाद निचले इलाकों सहित अधिकतर जगहों पर पानी दूषित हो गया है। ऐसे में इस पानी को पीने से लोग डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। विभाग की तरफ से इसकी रोकथाम और उपचार के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। ब्लाक स्तर पर भी टीमों का गठन किया गया है। इसमें ग्राम सचिव, आशा और आंगनबाड़ी सभी हैंडपंप से जल की शुद्धता की जांच कर लोगों को शुद्ध पानी के प्रयोग को जागरूक करेंगे।
डायरिया दूषित पेयजल के इस्तेमाल और साफ-सफाई का ख्याल न रखने से फैलती है। यह पाचन तंत्र संबंधित एक विकार है, जिसमें मरीज को लगातार दस्त शुरू हो जाता है। यह दस्त दो से तीन दिन तक रहता है। ज्यादातर मामलों में मरीज उपचार से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर लेता है, लेकिन कुछ मामलों में जल्दी ठीक नहीं हो पाता है। इसलिए दूषित पानी के सेवन से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही विभाग की तरफ से इसके इलाज के लिए भी सदर अस्पताल सहित सभी सीएचसी और पीएचसी पर निश्शुल्क इलाज किया जा रहा है। वहीं बच्चों को इससे बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा। बच्चों को इसमें दस्त में ओआरएस का घोल देने के साथ ही स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार के लिए ले जाने और उनकी आयु के अनुसार स्तनपान एवं ऊपरी आहार देने की जानकारी दी जा रही है।
डायरिया के कारण शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है। यह छोटे बच्चों और बुजुर्गों को बहुत तेजी से अपने चपेट में ले लेता है। इसके लक्षणों में बच्चे को पानी जैसा लगातार दस्त हो, बार-बार उल्टी हो, अत्यधिक प्यास लगे, पानी न पी पाएं, बुखार हो और मल में खून आ रहा हो तो उसे तत्काल समीप के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाना चाहिए।
- डा. एसएन दुबे, मुख्य चिकित्साधिकारी