हर बालिका है साक्षात देवी का स्वरूप
बेटियों के बिना सृष्टि का सृजन और निर्माण संभव नहीं है। भारतीय संस्कृति न सिर्फ बेटियों का सम्मान करती है बल्कि यह मानती है कि हर बालिका साक्षात देवी का स्वरूप है। हमारे पुराणों ने तो यहां तक कहा है कि जहां बेटियों की पूजा होती है वहां देवताओं का समूह स्वयं पहुंच जाता है।
जासं, कोपागंज (मऊ) : बेटियों के बिना सृष्टि का सृजन और निर्माण संभव नहीं है। भारतीय संस्कृति न सिर्फ बेटियों का सम्मान करती है, बल्कि यह मानती है कि हर बालिका साक्षात देवी का स्वरूप है। हमारे पुराणों ने तो यहां तक कहा है कि जहां बेटियों की पूजा होती है, वहां देवताओं का समूह स्वयं पहुंच जाता है। यह बातें भारत सरकार के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम के तहत क्षेत्र के हिकमा गांव में आयोजित कन्या जन्मोत्सव समारोह में बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने कहीं। जिलाधिकारी ने नवजात कन्या के पिता मणिशंकर तिवारी के साथ मिलकर गांव के सैकड़ों गरीबों में कंबल वितरित किया और बेटियों की रक्षा का संदेश दिया। इस अवसर पर डिस्ट्रिक्ट बार के पूर्व मंत्री ईश्वरचंद्र त्रिपाठी, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष हेलाल अहमद, डा.पीएल गुप्ता, डा.अरविद कुमार श्रीवास्तव, डा.ओपी सिंह, डा.आशुतोष त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।