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प्राइवेट में भर्ती मरीजों को जमा करना होगा 1800

जागरण संवाददाता मऊ कोविड-19 के संक्रमित प्राइवेट में भर्ती गंभीर मरीजों को रेमेडिसिवि

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 05:42 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 05:42 PM (IST)
प्राइवेट में भर्ती मरीजों को जमा करना होगा 1800

जागरण संवाददाता, मऊ : कोविड-19 के संक्रमित प्राइवेट में भर्ती गंभीर मरीजों को रेमेडिसिविर लेने के लिए 1800 रुपये जमा करना जरूरी होगा। यह धनराशि रेडक्रास सोसाइटी के खाते में जमा की जाएगी। यही नहीं बिना लैब की जांच के इसे नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही डाक्टर का डिमांड लेटर भी जरूरी है। सारी प्रक्रियाओं को पूरी करने के बाद यह भी यह इंजेक्शन प्रदान किया जाएगा। दूसरी तरफ सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को इसके लिए एक रुपये भी नहीं देना है। अगर वह गंभीर है और डाक्टर ने इंजेक्शन की आवश्यकता बताया है तो उसे देकर जीवनदायिनी इंजेक्शन दिया जाएगा। पहले यह इंजेक्शन सभी को निश्शुल्क मिल रहा था लेकिन बाद में शासन ने नियम में बदलाव किया है। जिला प्रशासन की ओर से रेडक्रास सोसाइटी को इंजेक्शन के वितरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्राइवेट वालों को कई जरूरी दस्तावेज दिखाने के साथ ही 1800 रुपये जमा करना होगा। इस महामारी के बीच सभी को इंजेक्शन मिल जाए और बर्बादी न हो, इसके लिए डाक्टर की ओर से पर्चे ओर लिखे गए छह डोज में से एक बार में सिर्फ तीन इंजेक्शन ही जरूरतमंद को उपलब्ध कराए जाएंगे। अगले तीन डोज प्राप्त करने के लिए अटेंडेंट को डाक्टर से दोबारा लिखा कर लाना होगा। इस प्रक्रिया के सहारे जो मरीज तीन इंजेक्शन से ठीक हो जाएगा। उस तक अधिक इंजेक्शन नहीं पहुंचेंगे। इससे अन्य किसी जरूरतमंद को इसका लाभ मिलने के साथ कालाबाजारी से भी लोगों को निजात मिलेगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. बीके सिंह ने बताया कि रेमडेसिविर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। फिलहाल मरीज की स्थिति को देखते हुए उसे प्रदान किया जाएगा। पहले सभी को निश्शुल्क मिल रहा था। चूंकि प्राइवेट वाले इलाज का खर्च उठा रहे हैं, इसलिए रेडक्रास सोसाइटी के खाते मं 1800 रुपये एक इंजेक्शन का भुगतान करना होगा। सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीज को एक पैसे नहीं देना है। --------------------- रेमडेसिविर लेने के लिए लैब की पॉजिटिव रिपोर्ट, आधार कार्ड, डाक्टर का डिमांड लेटर जरूरी है। बिना इसके किसी को भी यह इंजेक्शन नहीं दिया जा सकता है। इसके लिए शासन की तरफ से गाइड लाइन जारी की गई है। --डा. सतीश चंद्र सिंह, सीएमओ मऊ।

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