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आंबेडकर विद्यालयों में 16 अध्यापकों के टीईटी सर्टीफिकेट फर्जी

जनपद में समाज कल्याण विभाग के अनुदानित आंबेडकर विद्यालयों में 16 सहायक अध्यापकों के टेट सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 06:12 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 06:12 PM (IST)
आंबेडकर विद्यालयों में 16 अध्यापकों के टीईटी सर्टीफिकेट फर्जी
आंबेडकर विद्यालयों में 16 अध्यापकों के टीईटी सर्टीफिकेट फर्जी

जागरण संवाददाता, मऊ : जनपद में समाज कल्याण विभाग के अनुदानित आंबेडकर विद्यालयों में 16 सहायक अध्यापकों के टीईटी सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं।

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यह खुलासा हुआ संयुक्त निदेशक सुनील कुमार ¨सह विशेन की अध्यक्षता में गठित त्रि-स्तरीय कमेटी की जांच में। दो दिन तक चली जांच में 42 ऐसे अध्यापक नियुक्त पाए गए हैं, जिनका बेसिक शिक्षा विभाग से नियुक्ति का अनुमोदन ही नहीं था। साथ ही 32 ऐसे भी मिले जिनका अनुमोदन तो है परंतु इसमें से अधिकतर अध्यापकों के शैक्षिक अभिलेख फर्जी हैं। इससे फर्जी नियुक्ति वाले अध्यापकों की संख्या बढ़ेगी। पूरी जांच रिपोर्ट संयुक्त निदेशक के पास ही है। रिपोर्ट शासन को सौंपे जाने के बाद फर्जी अध्यापकों की नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है।

आंबेडकर विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों की जांच के लिए संयुक्त निदेशक के आदेश पर जिला समाज कल्याण अधिकारी ने सभी 32 विद्यालयों के प्रबंधकों व 74 सहायक अध्यापकों को नोटिस जारी की थी। इसमें संयुक्त निदेशक की अध्यक्षता में जिला समाज कल्याण अधिकारी चंदौली व समाज कल्याण अधिकारी मऊ के नेतृत्व में त्रि-स्तरीय कमेटी गठित की गई थी। टीम ने पांच व छह सितंबर को सभी विद्यालयों के अभिलेख, अनुमोदन व अध्यापकों के शैक्षणिक अभिलेख व बीएसए कार्यालय द्वारा किए गए अनुमोदन की जांच की। इसमें पाया गया कि दर्जनों अध्यापक गलत अभिलेखों के आधार पर सहायक अध्यापकों का पद हथियाए हुए हैं। इसके पूर्व जिलाधिकारी द्वारा 24 फरवरी को बीएसए कार्यालय पर छापेमारी की गई थी। इसमें बिना अनुमोदन के अध्यापकों की नियुक्ति संबंधी अनियमितता भी उजागर हुई थी। इस पर जिलाधिकारी ने फर्जी अध्यापकों सहित संबंधित विद्यालयों के प्रबंधकों पर एफआइआर तक दर्ज करवाई थी। पूरे मामले की जांच के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी भी गठित की गई थी। इसमें कमेटी के सदस्य जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपने कार्यालय की त्रि-स्तरीय कमेटी गठित कर समाज कल्याण के नियुक्त अध्यापकों के अभिलेख आदि खंगाले। इसमें पाया गया कि 74 अध्यापकों की नियुक्ति में बेसिक शिक्षा कार्यालय से कोई अनुमोदन नहीं लिया गया था। पूरे अभिलेखों के मिलान में जब नियुक्ति कहीं से भी सही नहीं पाई गई तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अध्यापकों की रिपोर्ट प्रशासन की गठित कमेटी को सौंपी थी। उधर समाज कल्याण के उप निदेशक ने इस बड़े घोटाले का संज्ञान लिया। उप निदेशक ने संज्ञान लेते हुए अपनी अध्यक्षता में समाज कल्याण अधिकारी चंदौली आरके ¨सह व समाज कल्याण अधिकारी मऊ मुक्तेश्वर चौबे की त्रि-स्तरीय कमेटी गठित की।

प्वाइंटर--

जांच में मिलीं ये अनियमितताएं

11 सहायक अध्यापकों के टेट सर्टीफिकेट फर्जी

05 जूनियर टेट पास कर बन गए प्राइमरी के अध्यापक

42 सहायक अध्यापकों का बेसिक शिक्षा विभाग से अनुमोदन नहीं

32 का अनुमोदन तो हैं परंतु कई अध्यापकों के अभिलेख गलत

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वर्जन--

'संयुक्त निदेशक सुनील कुमार विशेन की अध्यक्षता में की गई जांच में 11 का टेट फर्जी तो पांच जूनियर टेट पर प्राइमरी की नौकरी करते पाए गए। इस सबकी मुकम्मल रिपोर्ट बनाकर संयुक्त निदेशक को दे दी गई है। संयुक्त निदेशक द्वारा शासन को रिपोर्ट प्रेषित करने के उपरांत जो भी आदेश मिलेगा उसका पालन किया जाएगा'

-मुक्तेश्वर चौबे, जिला समाज कल्याण अधिकारी, मऊ।


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