जिले के 1400 प्राथमिक विद्यालयों का बदलेगा कलेवर
परिवर्तन संसार का नियम है। वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से भी बहुत बदला है। इस महामारी ने बहुत कुछ लोगों का छीन लिया तो कुछ सकारात्मकता भी प्रदान किया।
जागरण संवाददाता, मऊ : परिवर्तन संसार का नियम है। वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से भी बहुत बदला है। इस महामारी ने बहुत कुछ लोगों का छीन लिया तो कुछ सकारात्मकता भी प्रदान किया। सरकार की दूरदर्शिता और कोरोना के चलते लगी बंदिशों से बेसिक शिक्षा का भविष्य बदलता दिख रहा है। उम्मीद है कि इस वर्ष जनपद के 1400 प्राथमिक विद्यालयों का कलेवर बदलेगा। वह दिन दूर नहीं जब जिले के हर प्राथमिक स्कूल का बच्चा नए साल में किसी न किसी लर्निंग एप से पढ़ता और लिखता नजर आएगा।
कायाकल्प योजना इस लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक बनी है। फिलहाल जिले के 1502 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से लगभग 102 को शौचालय, पानी, डेस्क-बेंच आदि 14 मानकों पर संतृप्त कर दिया गया है। कई विद्यालय इस योजना के स्पर्श करते ही फर्श से छत तक चमकने लगे हैं। कायाकल्प योजना का पारदर्शी क्रियान्वयन हुआ तो 1400 शेष बचे प्राथमिक विद्यालयों की फर्श चमकती नजर आएगी और क्लासों में डेस्क-बेंच सजे होंगे। बीते वर्ष जिले के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 1.20 लाख बच्चों में से 41000 ने आनलाइन माध्यम से पढ़ना और परीक्षा देना सीख लिया, जबकि इस वर्ष शेष 59 हजार छात्र भी जुड़ जाएंगे। लाकडाउन के बावजूद बच्चों तक पाठ्य सामग्री डिजिटल माध्यमों खासकर इंटरनेट मीडिया से पहुंचाने के लिए तरह-तरह के लर्निंग ऐप न सिर्फ विकसित किए गए हैं, बल्कि इस वर्ष प्राथमिक विद्यालयों में व्यापक स्तर पर उसका प्रयोग भी होता नजर आएगा। डिजिटल क्लास से लैस होंगे 100 स्कूल
वर्तमान में 1502 प्राथमिक विद्यालयों में 230 डिजिटल क्लास से लैस हो चुके हैं, जबकि 100 और विद्यालय नए वर्ष में डिजिटल क्लास की सुविधा से संपन्न हो जाएंगे। आंकड़े :
1060 प्राथमिक स्कूल हैं जिले में
442 उच्च प्राथमिक स्कूल हैं जिले में
230 डिजिटल क्लासयुक्त प्राथमिक विद्यालय
102 स्कूल कायाकल्प योजना से संतृप्त