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दस दिन बाद भी यमुना मिशन पर नींद में अफसर

यमुना मिशन के कामों की जांच किए मजिस्ट्रेटी टीम को दस दिन बीत गए। इतने दिन में अफसरों ने सिर्फ जुबानी जमाखर्च किया है। यमुना मिशन के कामों को गलत बताते हुए उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के बयान तो दिए गए लेकिन अभी तक इसके कागजों पर नहीं उतारा गया। इस बीच यमुना मिशन अपना काम जारी रखे हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 11:18 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 11:18 PM (IST)
दस दिन बाद भी यमुना मिशन पर नींद में अफसर
दस दिन बाद भी यमुना मिशन पर नींद में अफसर

मथुरा: यमुना मिशन के कामों की जांच किए मजिस्ट्रेटी टीम को दस दिन बीत गए। इतने दिन में अफसरों ने सिर्फ जुबानी जमाखर्च किया है। यमुना मिशन के कामों को गलत बताते हुए उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के बयान तो दिए गए लेकिन अभी तक इसको कागजों पर नहीं उतारा गया। इस बीच यमुना मिशन अपना काम जारी रखे हुए हैं।

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जिला प्रशासन यमुना मिशन के मसले पर किसी तरह के दबाव में आ गया है। कम से कम इस मसले पर अफसरों की सुस्ती तो यही संकेत कर रही है। इधर, यमुना मिशन के हौसले जिस तरह बढ़ रहे हैं और वह काम को जिस अंदाज में जारी रखे हैं उससे लगता है कि उसे नियमों के टूटने और इस मामले में किसी तरह के कानून का कोई भय नहीं है। अब वह अपने काम को वैधानिकता देने के लिए इसे पर्यावरण हितैषी होने का जामा पहना रहा है। गुरुवार को विश्व सनातन धर्म रक्षक दल के विपिन स्वामी और कुछ लोगों ने राजनीतिक क्षत्रपों को ले जाकर जिस तरह इस काम को यमुना को बचाने वाला बताया उससे लगता है कि प्रशासन की चुप्पी का फायदा उठा यमुना में मनमानी करने वाले अब इसे बेहतरी का जामा पहनाना चाहते हैं।

इधर, प्रशासन का रुख इसे लेकर जितना सकारात्मक होना चाहिए वह दिखाई नहीं दे रहा है। यमुना ¨सचाई विभाग की संपत्ति है। अपनी जमीन पर चार साल से कब्जा होते चुपचाप देख रहा विभाग जिलाधिकारी के तमाम आदेश पर भी रिपोर्ट दर्ज कराने की जहमत नहीं उठा रहा है। यमुना के पेटे में कचरा भरे जाने सरीखे जघन्य काम पर भी प्रदूषण विभाग ने सिर्फ नोटिस भर दिया है। शुरूआत में इस मसले को लेकर जिस कदर प्रशासन ने तेजी दिखाई वह अब नजर नहीं आ रही है। जांच टीम ने निरीक्षण के तत्काल बाद ही इस संबंध में एक तथ्यपरक रिपोर्ट दे दी थी। इसमें वहां हुए निर्माण कामों का भी हवाला था। ¨सचाई विभाग को इस मसले पर रिपोर्ट दर्ज करानी थी।

-श्याम अवध चौहान, जांच टीम के प्रभारी


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