अब यमुना मिशन मिटाकर डाल दिया प्रशासन का नाम
अवैध कब्जों पर शासन-प्रशासन के सहयोग से लिखवाया, डीएम के रुख के बाद रात-दिन चल रहा पुताई का काम
मथुरा, जासं: यमुना में बिना किसी अनुमति के काम करने के बाद हुई छीछालेदर के बाद यमुना मिशन अब अपने किए कामों को दूसरे के नाम डालने की उधेड़बुन में लगा है। जिलाधिकारी के सख्त संदेश के बाद यमुना मिशन ने बुधवार को नया कारनामा कर डाला। घाट किनारे मलवा डालकर बनाए गए पाथवे पर किए अवैध कब्जों से यमुना मिशन हटाकर प्रशासन के सहयोग से लिखवा दिया गया है। यमुना मिशन मार्ग को यमुना मार्ग कर दिया गया है। पौधरोपण की नामपट्टिकाएं भी हटवाई जा रही हैं।
यमुना मिशन ने यमुना की धारा में नौ किलोमीटर तक छेड़छाड़ कर कचरे से पाथवे बना दिया। इस पर अवैध कब्जा करने के लिए जगह-जगह शौचालय, कमरे, कोठरियां और झोंपड़ियां डलवा दी गईं। निजी गार्ड तैनात कर बने नए घाटों से वसूली का काम भी किया गया। प्रकरण के दैनिक जागरण में प्रकाशन के बाद मामले पर जांच बैठी तो यमुना मिशन के लोग डीएम से मिलने पहुंच गए। डीएम के तल्ख तेवर को भांप मिशन के कर्ताधर्ता अपनी जान बचाने में जुटे हैं।
बुधवार को गऊघाट पर बने शौचालय पर अब तक यमुना मिशन लिखा हुआ था। इसके नीचे शासन-प्रशासन के सहयोग से लिखवा दिया गया है। इसी तरह पाथवे पर बनाए गए यमुना मिशन मार्ग को मिटाकर वहां यमुना मार्ग लिख दिया है। यमुना मिशन के घाट पर भी बॉल राइ¨टग कर उसे यमुना घाट कर दिया गया है। ऐसा एक-दो जगह नहीं बल्कि यह खेल रातों रात सभी बोर्डों पर कर दिया गया है। इसमें दर्शाने की कोशिश की गई है कि यह सब प्रशासन की अनुमति पर हो रहा है।
बुधवार की सुबह भी यहां यमुना मिशन के मजदूर काम में जुटे रहे। पेड़-पौधों को घेरने और बंदर और गायों का प्रवेश प्रतिबंधित करने के लिए लगाई गई कंटीली व डंडों की बाढ़, इलेक्ट्रिक वाय¨रग भी हटा दी गई है। यमुना भक्त त्रिलोकी व्यास का कहना है कि ¨सचाई विभाग के एक्सईएन एमएम ¨सह को उन्होंने मामले की जानकारी दे दी है। उन्होंने आश्वस्त किया है मिशन अपने काले कारनामों को कितना भी छिपा ले, उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।