रोकने पर भड़के मजदूर, हाईवे जाम कर सामान फूंका
रात भर में फरह में पहुंच गए थे एक हजार मजदूर खाली वाहनों से गंतव्य को रवाना किया तब हुए शांत
संवाद सूत्र, मथुरा : माल वाहक वाहन से गंतव्य को जा रहे प्रवासी मजदूरों को शनिवार रात फरह के पास पुलिस ने उतार लिया। उन्हें एक कॉलेज में ठहराया गया। रोडवेज बसों का इंतजाम कर घर भेजने का आश्वासन दिया गया। कुछ मजदूर बसों से गए, लेकिन कुछ इंतजार करते-करते भड़क उठे। कॉलेज के बाहर सड़क पर रविवार सुबह जाम लगा दिया। आसपास का कूड़ा करकट एकत्र कर कपड़े और भारी लग रहे सामान को बीच हाईवे पर आग लगा दी। करीब एक घंटा तक यातायात ठप रहा। प्रशासन ने बसों और अन्य वाहनों से सुरक्षित घर की ओर रवाना किया, तब मजदूर शांत हुए।
कोसी के कोटवन बॉर्डर से कुछ मजदूर शनिवार रात पैदल चले और कुछ रास्ते में माल वाहक वाहनों पर सवार हो गए। आगरा बॉर्डर पर पुलिस ने पैदल जा रहे मजदूरों को रोक लिया और माल वाहक वाहनों से जा रहे प्रवासी मजदूरों को वाहन से उतारकर हाईवे स्थित हरदयाल कॉलेज में रोका। इन मजदूरों की संख्या करीब एक हजार थी। रात में कुछ बसों का इंतजाम कर यहां से मजदूर भेजे गए। बाकी के लिए प्रशासन इंतजाम कर रहा था, लेकिन सुबह करीब छह बजे मजदूरों का धैर्य जवाब दे गया। बच्चों और महिलाओं के साथ मजदूर हाईवे पर आ गए और जाम लगा दिया। एक मजदूर ने कूलर का टब रख दिया और किसी ने उस पर कंबल। फिर आग लगा दी। करीब एक घंटे तक मजदूर हंगामा करते रहे। एसडीएम सदर क्रांति शेखर सिंह, सीओ रिफाइनरी वरुण कुमार समेत कई थानों का पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। मजदूरों को कुछ इंतजार करने को कहा, लेकिन वे किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं हुए। इस पर पुलिस अधिकारियों ने उन्हें खाली वाहनों से बैठाकर रवाना किया, लेकिन अछनेरा बॉर्डर पर फिर इन्हें रोक लिया गया। तब मथुरा के अधिकारियों ने पहुंचकर वहां वार्ता कर उन्हें आगे के लिए रवाना कराया। एसडीएम क्रांति शेखर ने बताया कि मजदूरों को वाहनों से भेज दिया गया, अपने घर जाने में देरी को लेकर वह नाराज थे। ------------------ माल वाहक वाहन रोके जाने पर पैदल चले हजारों प्रवासी मजदूर संकट में सफर
-मजदूरों को रोकने में छूटा प्रशासन को पसीना, वाहन से गंतव्य को भेजे
-बॉर्डर पर मालवाहक वाहन रोकने से आगरा-दिल्ली हाईवे पर लंबा जाम संवाद सूत्र, कोसीकलां : प्रदेश सरकार के आदेश के बाद हरियाणा बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों को लेकर आ रहे माल वाहक वाहनों को पुलिस ने रोका तो मजदूर हंगामा करने लगे। देखते ही देखते हजारों मजदूर बॉर्डर पर एकत्र हो गए। हरियाणा की ओर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। मजदूरों को जैसे-तैसे मंडी समिति लाया गया और बसों का इंतजाम कर उन्हें रवाना करने का आश्वासन दिया गया, लेकिन मंडी पहुंच प्रवासी मजदूर भड़क गए। मंडी से गेट फांदकर पैदल ही चलने लगे, तो पुलिस ने काफी मनौव्वल की, लेकिन व्यवस्था न होने का हवाला देकर रुके नहीं। रास्ते में रोककर उन्हें रोडवेज व प्राइवेट बसों के साथ ही अन्य वाहनों को खाली कराकर रवाना किया गया।
हरियाणा, दिल्ली और पंजाब से रात में ही बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर माल वाहक वाहनों से आ रहे थे। पुलिस ने नाकेबंदी कर ऐसे वाहनों का प्रवेश रोका। प्रवासी मजदूर पैदल चलने लगे तो उन्हें कोसीकलां की मंडी समिति में पहुंचाया गया। सुबह तक ऐसे वाहन काफी हो गए तो होडल की ओर कई किमी तक जाम लग गया। सुबह तक बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों की संख्या कई हजार में पहुंच गई। इन्हें पुलिस पैदल ही लेकर कोसी मंडी पहुंची। यहां पहुंचते ही मजदूर भड़क गए। उन्होंने रुकने से साफ मना कर दिया और मजदूरों का कारवां पैदल ही बढ़ा, तो पुलिस अधिकारी मान-मनौव्वल करने लगे। मजदूरों ने एक नहीं सुनी। बोले, या तो हमें इन्हीं वाहनों से भेजो या फिर हम पैदल जाएंगे। मजदूरों का रवैया उग्र देख डीएम सर्वज्ञराम मिश्रा और एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर भी पहुंच गए। तब तक मजदूरों का काफिला काफी दूर तक चला गया था। रास्ते में मजदूरों को जीएलए यूनिवर्सिटी के कैंपस में रोका गया तो वह निकलकर भागने लगे। आनन-फानन कुछ रोडवेज और प्राइवेट बसें लगाकर उन्हें भेजा गया।
उधर, कोटवन बॉर्डर पर जाम खुला तो ट्रक व अन्य वाहनों पर ऊपर तक लदे मजदूर आने लगे। पुलिस ने रास्ते में ऐसे वाहनों को रोककर मजदूरों को नीचे उतारा। बाद में उन्हें खाली वाहनों से आगे के लिए रवाना किया। ऐसे में आगरा-दिल्ली हाईवे पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। यहां पर मजदूरों को कुछ समाजसेवियों के साथ ही उज्ज्वल ब्रज की ओर से भोजन सामग्री भी दी गई। तब तक बड़ी संख्या में मजदूर पैदल ही निकल पड़े। अधिकारियों ने रास्ते में पुलिस को सूचना देकर जहां-तहां मजदूरों को रुकवाया और खाली वाहनों से आगे के लिए भेजा। शाम तक सड़कों पर प्रवासी मजदूरों का जत्था चलता रहा। 150 बसें भेजी गईं
जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्रा ने बताया कि शनिवार से रविवार तक करीब डेढ़ सौ रोडवेज बसों से यात्री कोटवन बॉर्डर और फरह से गंतव्य के लिए भेजे गए। उन्हें अन्य सुरक्षित वाहनों से भी रवाना किया गया। सुबह कुछ देर के लिए मजदूरों के उग्र होने के कारण अफरा-तफरी मची थी, लेकिन स्थिति नियंत्रित कर ली गई।
समाजसेवियों ने दिया भोजन
कोसीकलां : मंडी समिति में रोके गए प्रवासी मजदूरों को कोसी के समाजसेवियों और प्रशासन ने भोजन मुहैया कराया। नगर पालिका चेयरमैन नरेंद्र कुमार, समाजसेवी कमल किशोर वाष्र्णेय, तरुण सेठ, कन्हैयालाल गोयल, पिटू उपाध्याय की टीम न भोजन बांटा।