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मनरेगा से मिला काम तो खिल उठे चेहरे

जागरण की पहल पर प्रशासन ने ली सुध मजदूरों के घर में आई रौनक हरी सिंह ने दैनिक जागरण के साथ जिला प्रशासन को भी शुक्रिया कहा

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 12:03 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 12:03 AM (IST)
मनरेगा से मिला काम तो खिल उठे चेहरे
मनरेगा से मिला काम तो खिल उठे चेहरे

संवाद सूत्र, मथुरा: बरसाना में रविवार को उन प्रवासी मजदूरों के घर में रविवार को खुशियों का सूरज उगा। जिला प्रशासन ने राशन कार्ड और जॉब कार्ड बनाया, तो बेबसी के सागर में उम्मीदें हिलोरें लेने लगीं। रविवार को बेटे गोपाल के साथ हरी सिंह ने काम किया, तो चेहरे पर खुशी साफ देखी गई। हरी सिंह ने दैनिक जागरण के साथ जिला प्रशासन का भी शुक्रिया किया।

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दैनिक जागरण ने पांच प्रवासी मजदूरों की व्यथा को प्रमुखता से प्रकाशित किया, तो डीएम सर्वज्ञराम मिश्रा ने मजदूरों को राहत देने के निर्देश दिए। शनिवार को एसडीएम गोवर्धन राहुल यादव ने बरसाना के मानपुर निवासी हरी सिंह का राशन कार्ड और जॉब कार्ड बनवा दिया। हरी सिंह बीस साल से फरीदाबाद में मेहनत-मजदूरी करते थे। लॉकडाउन में गांव आ गए। यहां उनके पास कोई काम नहीं था। कर्ज लेकर फरीदाबाद का भाड़ा चुकाया था। शनिवार को पहले समाजसेवी जयप्रकाश त्यागी ने हरी सिंह के घर राशन सामग्री भिजवाई और दोपहर बाद प्रशासन ने सूखा राशन भिजवाया। प्रशासन की पहल पर हरी सिंह और उनके बेटे गोपाल को मनरेगा में उनके गांव में ही काम मिल गया। चटनी और प्याज से रोटी खाने वाले हरी सिंह के घर पर रविवार को करेले की सब्जी बनी। हरी सिंह बोले, दैनिक जागरण और जिला प्रशासन का शुक्रिया, जिसके चलते काम मिला। कम से कम दो वक्त की रोटी तो आसानी से मिलेगी। उधर कमई गांव में रहने वाले प्रवासी मजदूरी धर्मवीर और राजेंद्र के राशन कार्ड और जॉब कार्ड तो बने थे, लेकिन उन्हें काम नहीं मिल पा रहा था। सरकारी राशन के गेहूं चावल के भरोसे जिदगी चल रही थी। जागरण की पहल पर प्रशासन ने यहां भी सूखा राशन भिजवाया और मनरेगा के तहत दोनों मजदूरों को रविवार को काम मिला। रविवार सुबह धर्मवीर के घर आलू की सब्जी और राजेंद्र के घर दाल, चावल और रोटी बनी। नंदगांव के नानकचंद और लखन को भी प्रशासन ने राहत सामग्री दी। एसडीएम राहुल यादव ने बताया कि राजेंद्र और धर्मवीर को मनरेगा से काम मिल गया और उन्हें राशन सामग्री भी दी गई।


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