आत्मनिर्भर हो रही महिलाएं, गांव-गांव खुलेंगे रोजगार के अवसर
2200 महिलाओं की बनेगी बैंक से सीसीएल जमकर करेंगी लेनदेन ब्लाक स्तर पर दिया जाएगा प्रशिक्षण तैयारी हुई पूरी
जागरण संवाददाता, मथुरा: गांव-गांव महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के समूह बनाए जा रहे हैं। अब तक जिले में एक हजार समूह बनाए जा चुके हैं, जिनमें करीब दस हजार महिलाओं को रोजगार के जोड़ा जा चुका है। वहीं आगामी वर्ष में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) 2200 महिलाओं की कैश क्रेडिट लिमिट (सीसीएल) एक-एक लाख रुपये तक निर्धारित की जाएगी। इससे महिलाएं गांव में लोगों को बैंकिग सुविधा मुहैया करा सकेंगी।
अभी तक जिले में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं लड्डू गोपाल की पोशाक बना रही हैं। कुछ कंठी माला बना रही हैं। इसके अलावा पिछले दिनों कुछ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने यूनीफार्म सिलाई का काम किया था। अब कुछ समूह गांव में बिजली का बिल जमा कर रहे हैं। अब तक करीब दस हजार महिलाओं को छोटे-छोटे रोजगार से जोड़ा जा चुका है। अब एनआरएलएम अधिकारियों का लक्ष्य है कि दो हजार से अधिक महिलाओं को बैंकिग प्रणाली से जोड़ा जाए। इसके लिए पिछले दिनों एक टेस्ट हुआ, जिसमें 2500 महिलाओं ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। अब इन महिलाओं को सरकार की ओर से 70-70 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। इस धनराशि पर महिलाओं को ब्याज नहीं देना होगा। इस धनराशि से स्वयं सहायता समूह अपना एक कार्यालय तथा उपकरण आदि सामग्री स्थापित कर सकेंगे। इसके साथ ही उन्हें एक-एक लाख रुपये की सीसीएल निर्धारित की जाएगी। इसके बाद वह ग्रामीण क्षेत्रों में ही लोगों को बैंकिग सुविधा मुहैया करा सकेंगे। इसके लिए ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षण शुरू होगा। इसको लेकर जिम्मेदारों ने लगभग पूरी तैयारी कर ली है। -- जिले के 200 स्वयं सहायता समूह को सीसीएल का लाभ मुहैया कराया जाएगा। इनको सरकार की ओर से आर्थिक मदद भी मुहैया कराई जाएगी। इन महिलाओं को जल्द ही ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षण मुहैया कराया जाएगा।
अजीत तिवारी, जिला मिशन प्रबंधक - एनआरएलएम