बांकेबिहारी मंदिर में झगड़े का मुख्य केंद्र वीआइपी दीर्घा
सुविधा शुल्क लेकर दर्शन कराने को लेकर चल रही नूराकुश्ती -गार्डो की श्रद्धालुओं से अभद्रता करने की आए दिन शिकायतें
संवाद सहयोगी, वृंदावन: ठा. बांकेबिहारी मंदिर में रविवार को सेवायतों और गार्डो में मारपीट की घटना यकायक भले ही हुई हो, मगर इसकी पटकथा कई दिनों से लिखी जा रही थी। इसके पीछे का मुख्य कारण लंबे समय से गार्डों की मनमानी है। मंदिर में वीआइपी दीर्घा में दर्शन कराने को लेकर सेवायतों और सुरक्षागार्डों के बीच नूराकुश्ती चल रही है।
लाकडाउन के बाद से मंदिर में वीआइपी दर्शन के जरिए श्रद्धालुओं से वसूली की खबरें मिलती रही हैं। शुरुआत में दो दिन दर्शन खुले तो गार्डों पर आरोप लगा कि वह कतार के बजाय सीधे वीआइपी दीर्घा में ले जाकर श्रद्धालुओं को दर्शन कराते हैं और इसकी एवज में सुविधा शुल्क वसूल रहे हैं। सेवायत गार्डों पर नजर तो लगाए थे, लेकिन रंगे हाथ पकड़ने का मौका नहीं मिल रहा था। सेवायतों की मानें तो बड़ी चतुराई के साथ गार्डो के जरिए वीआइपी दर्शन के नाम पर श्रद्धालुओं से धन उगाही की जा रही थी। वीआइपी दर्शन कराने के अधिकार में सेंधमारी देख सेवायत आक्रोशित थे। रविवार को जैसे ही मौका मिला, सेवायतों ने अपना गुस्सा निकाल लिया। पिछले वर्ष हुई घटनाएं
गत 26 जनवरी को दिल्ली के करौल बाग निवासी तीन युवकों के साथ गार्डों ने मारपीट कर दी थी। श्रद्धालुओं के साथ आई महिला को भी गार्डों ने नहीं बख्शा था। जून में गाजियाबाद के श्रद्धालुओं से गार्डों ने अभद्रता की थी।
सेवायतों से अभद्रता उचित नहीं
सेवायतों के साथ अभद्रता करना उचित नहीं। इसके लिए हमने आरोपित पांच गार्डों की सेवा समाप्त कर दी है। जो गार्ड ड्यूटी पर हैं, उन्हें संयम बरतने की हिदायत दी है।
देवेंद्र सिंह, आपरेशन मैनेजर प्रबंधन ने ही सुलझा लिया मामला
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में हुई घटना के बाद पुलिस ने एक्शन लेते हुए दोनों पक्षों का बीच-बचाव करवाया। मामले में प्रबंधन ने हस्तक्षेप कर दोनों पक्षों के बीच समझौता करवा दिया गया।
-अनुज कुमार, कोतवाली प्रभारी।