भजन गायक विनोद अग्रवाल का निधन, केशीघाट के पास हुआ अंतिम संस्कार
दो दिन पहले कराया गया था नयति अस्पताल में कराया गया था भर्ती, सोमवार की अलसुबह ली अंतिम सांस
वृंदावन(मथुरा): मशहूर भजन गायक विनोद अग्रवाल आज दुनिया को फानी कर गए। चार सैकड़ा से भी अधिक भजन गाने वाले श्री अग्रवाल ने 63 वर्ष की उम्र में मथुरा के नयति अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्हें दो दिन पहले लीवर में शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक उनकी मौत मल्टीपल आॉर्गन फेल होने से हुई। मंगलवार शाम करीब साढ़े चार बजे केशीघाट के पास स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि पुत्र जितिन अग्रवाल ने दी।
विनोद अग्रवाल का जन्म 6 जून 1955 को दिल्ली में हुआ था। उनका परिवार 1962 में मुंबई चला गया। यहां उनका आज भी कपड़ों का बड़ा कारोबार है। श्री अग्रवाल 2012 से वृंदावन के पुष्पाजलि बसेरा स्थित गो¨वद की गली में पत्नी के साथ रह रहे थे। शनिवार की रात सेहत खराब होने पर उन्हें नयति अस्पताल में भर्ती कराया गया। नयति के पीआरओ प्रशांत अज्ञानी ने बताया कि जब उन्हें अस्पताल लाया गया उनके मुंह से खून निकल रहा था। वह क्रॉनिक लीवर डिसीज से पीड़ित थे। डॉ. मनी की टीम ने उनकी जांच की। हेमरेजिक शॉक के कारण मल्टी आर्गन डिसफंक्शन ¨सड्रोम की भी शिकायत थी। तीन दिन आईसीयू में रहने के बाद मंगलवार की सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को दर्शन के लिए वृंदावन स्थित उनके आवास पर रखा गया। उन्होंने देश-विदेश में 1500 से अधिक लाइव परफार्मेंस दिए। वह अपने पीछे पत्नी कुसुमलता अग्रवाल, बेटी शिखा और बेटा जतिन को छोड़ गए हैं। बेटी की शादी दिल्ली के कारोबारी नीरज से हुई। बेटा मुंबई में कपड़ों का कारोबार संभालता है। मशूहर भजन
- मुझे मिला अनौखा यार ब्रज की गलियों मे..
- फृलों में सज रहे हैं वृंदा विपिन बिहारी..
- तू टेड़ों, तेरी टेड़ी रे नगरिया...
- मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा..
- मुरली बजा के मोहना क्यों कर लिया किनारा..
- जो तुम को भूल जाए वो दिल कहा से लाऊं..
इन भजनों के अलावा सैकड़ों भजन है जिन ऐसे है जिनको ब्रजवासियों सहित कृष्ण भक्त गुनगुनाते हैँ।