गांव-मुहल्ले में वोटों के सौदागर कर रहे लाखों के वारे-न्यारे
संवाद सहयोगी मथुरा विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज होते ही वोटों के सौदागरों की राजनीति
संवाद सहयोगी, मथुरा : विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज होते ही वोटों के सौदागरों की राजनीति भी तेज हो गई है। गली-गली, मुहल्ले-मुहल्ले वोटों के ये सौदागर विभिन्न समाज व जातियों को अपने पक्ष में दिखाकर प्रत्याशियों से मोटी रकम वसूल कर रहे हैं। प्रत्याशी भी चुनाव जीतने में कोई चूक नहीं करना चाहते, इसलिए इन सौदागरों की भूमिका भी अब चुनाव में बढ़ गई है।
वोटों के ये सौदागर विभिन्न गांव व मुहल्ले में अपना वर्चस्व प्रत्याशियों को दिखाने की कोशिश में जुट गए हैं। इन सौदागरों ने जाति-बिरादरी में अपने संगठन बना रखे हैं। प्रत्याशी को अधिक से अधिक वोट दिलवाने का लालच दिया जा रहा है। उनके द्वारा ऐसी स्थिति भी पैदा की जा रही है कि प्रत्याशी उनसे मिलें तो प्रत्याशियों को वोट के रूप में काफी फायदा हो सकता है। हर गांव व हर मुहल्ले का ठेका इन्हें दिया जा रहा है। प्रत्याशी भी इकट्ठे वोट पाने की चाह में कोई चूक नहीं करना चाहते, इसी कारण वे भी इनके संपर्क में आने से स्वयं को रोक नहीं पा रहे। यह बाद की बात है कि इन सौदागर के कहने पर उनकी बिरादरी, जाति, मुहल्ला, गांव कितना वोट देता है, लेकिन इनकी सक्रियता फिलहाल चरम पर है। प्रति वोट के हिसाब से तय होती है रकम
वोटों के ये सौदागर प्रति वोट के हिसाब से अपना पैकेज प्रत्याशी को समझा रहे हैं। गांव में जहां समुदाय के हिसाब से रकम वसूल की जा रही है वहीं शहरी क्षेत्र में स्थानीय सौदागर मुहल्ले के हिसाब से प्रत्याशी के पक्ष में वोट डलवाने का प्रलोभन उन्हें दे रहे हैं। 500 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक की कीमतें एक वोट की इन लोगों ने निर्धारित कर रखी है।