हत्या के पर्दाफाश को पुलिस को दो दिन का अल्टीमेटम
मथुरा एक युवक की हत्या का पर्दाफास राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की नाक का सवाल बन गई है। भाजपा नेता दबाव बना पुलिस को उस ओर जाने ही नहीं देना चाहते जबकि परिजनों संग पूर्व सैनिक समाज और संघ के खड़ा हो जाने से पासा पलटने लगा है। दामोदरपुरा में बुलाई गई पंचायत के संचालनकर्ताओं में 60 फीसद आरएसएस से जुड़े हैं और 90 फीसद पूर्व सैनिक और दस फीसद राजनीतिक लोग रहे।
मथुरा: एक युवक की हत्या का पर्दाफाश करने को लेकर बालाजीपुरम में बुलाई पंचायत में 90 फीसद पूर्व सैनिक और दस फीसद राजनीतिक लोग रहे। पंचायत में पुलिस को दो दिन का अल्टीमेटम दिया गया। 18 मई को सुबह कलक्ट्रेट धरना दिया जाएगा।
बालाजीपुरम स्थित बालाजी मंदिर में हुई पंचायत की अध्यक्षता कैप्टन परमाल और कैप्टन राजकुमार ने की। संचालन करते हुए कैप्टन ऊधम सिंह ने बताया कि बालाजीपुरम निवासी सहायक भू अभिलेख अधिकारी हरीलाल के बेटे विश्वदीप की हत्या कर शव यमुना के खादरों में फेंक दिया गया था। वक्ताओं ने कहा कि आक्रोश इस बात को लेकर है कि परिजनों ने पुलिस को नाम बताए हैं पर पुलिस दबाव में आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। एसएसपी और डीएम से घटना के राजफाश की मांग की जाएगी। पंचायत में कै. अमर सिंह, पार्षद राकेश ठैनुआं, ओमवीर सिंह, लालजीत सिंह, रामवीर सिंह भरंगर, बलदेव प्रमुख राजपाल, वीरपाल और शिशुपल आदि मौजूद रहे।
संघ का दखल: पंचायत में संचालन कर रहे कैप्टन ऊधम सिंह ने अपना परिचय आरएसएस के खंड कार्यवाह के रूप में दिया। आश्वस्त किया कि संघ न्याय के साथ खड़ा है और पीड़ित परिवार के साथ हर कदम पर साथ है। वहीं संघ के बीच में कूदने से भाजपा के जिला स्तरीय दो पदाधिकारियों को अपने कदम थामने पड़ गए हैं। इधर पुलिस भी मामले के जल्द राजफाश में जुटी है। एसपी सिटी राजेश कुमार सिंह और सीओ सिटी विनय सिंह चौहान काफी देर तक केस को लेकर मंथन में जुटे रहे।