सीएम तक पहुंची शहर के गड्ढों की हकीकत
मंडी रामदास निवासी दीपक शर्मा ने शिकायत की है कि 10 सितंबर को मंडी रामदास क्षेत्र में भूमिगत केबल डालने का काम पूरा हो गया है। एक माह गुजर गया, लेकिन अभी तक कार्यदाई कंपनी ने खोदे गए गड्ढों को नहीं भरा है, इससे आए दिन लोग इसमें गिरते हैं और हाथ-पैर तुड़वा लेते हैं।
केस-1
-मंडी रामदास निवासी दीपक शर्मा ने शिकायत की है कि 10 सितंबर को मंडी रामदास क्षेत्र में भूमिगत केबल डालने का काम पूरा हो गया है। एक माह गुजर गया, लेकिन अभी तक कार्यदाई कंपनी ने खोदे गए गड्ढों को नहीं भरा है, इससे आए दिन लोग इसमें गिरते हैं और हाथ-पैर तुड़वा लेते हैं। केस-2
-महाविद्या कॉलोनी निवासी मनीष चतुर्वेदी ने शिकायत की है एक ओर तो विभाग भूमिगत केबल डाल रहा है, दूसरी तरफ महाविद्या कॉलोनी फेस बन में सूखे पेड़ में लगी दीमक आए दिन विद्युत आपूर्ति को प्रभावित कर रही है। इससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। जागरण संवाददाता, मथुरा: यह दो उदाहरण हैं जो मथुरा शहर में डाली जा रही भूमिगत केबल के कार्य की पोल खोलने के लिए पर्याप्त हैं। राजस्थान की भामरिया कंपनी ने जिस तरह काम शुरू कराया और जो उसकी गति है, उससे नहीं लगता कि दीपोत्सव का त्योहार लोग सुकून के साथ मना पाएंगे।
श्रीकृष्ण की जन्मस्थली में त्योहार पर काम शुरू करने के कारण पूरा शहर गड्ढों में तब्दील हो गया है। विभाग ने भूमिगत केबल डालने के लिए करीब 45 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया था। आगरा स्थित एमडी ऑफिस पर हुए टेंडर में भामरिया कंपनी को ठेका मिला। कंपनी ने मथुरा में भूमिगत केबल का ठेका करीब 38 करोड़ रुपये में प्राप्त किया है। कंपनी ने इसके लिए स्थानीय स्तर पर तीन ठेकेदारों के एक पूल को यह काम सौंप दिया है। इसका कारण भी साफ है। कंपनी ने जब काम कराना शुरू किया तभी उसका विरोध आरंभ हो गया था, इससे बचने के लिए उसने भाजपा के एक नेता को यह ठेका दे दिया, जिससे विरोध के स्वर मद्धिम पड़ सकें। हालांकि ऐसा हो नहीं पा रहा है। -31 नवंबर तक कार्य को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दीपावली तक यह कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। सड़क और गलियों को बनाने का कार्य भी कंपनी द्वारा कराया जाएगा।
इं. राघवेंद्र, एक्सईएन