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भक्ति से झिलमिल हुआ परिक्रमा मार्ग

अक्षय नवमी पर परिक्रमा मार्ग में बनी मानव श्रृंखलाअक्षय पुण्य प्राप्ति को लगाई श्रद्धालुओं ने परिक्रमा

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 06:09 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 06:09 AM (IST)
भक्ति से झिलमिल हुआ परिक्रमा मार्ग

संवाद सहयोगी, मथुरा : अक्षय नवमी पर मथुरा और तीन वन (मथुरा, वृंदावन, छटीकरा) परिक्रमा मार्ग में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं ने हरे कृष्णा, हरे कृष्णा करते हुए परिक्रमा लगाई। अक्षय पुण्य प्राप्ति के लिए परिक्रमा मार्ग में श्रद्धालुओं की कतारें टूटने का नाम नहीं ले रही थीं।

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धार्मिक मान्यता है कि अक्षय नवमी पर मथुरा की परिक्रमा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। अदृश्य रूप से देवी-देवता भी मथुरा की परिक्रमा लगाते हैं। मथुरा भगवान का धाम है, इसलिए देवी-देवताओं का प्रिय है। अक्षय नवमी की परिक्रमा रविवार दोपहर से ही शुरू हो गई थी। सर्दी पर आस्था भारी पड़ी। रात में भी श्रद्धालु परिक्रमा लगा रहे थे। सुबह होते ही श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होने लगी। अव्यवस्थाएं भी श्रद्धालुओं के कदम नहीं रोक पाईं। श्रद्धालु ईश्वर की भक्ति में सराबोर थे। परिक्रमा मार्ग में श्रद्धालु आस्था की डोर से बंधे थे। परिक्रमा मार्ग में भगवान श्रीकृष्ण-राधा की भक्ति का प्रेम रस बरस रहा था। श्रद्धालु टोलियों में मथुरा और तीन वन की परिक्रमा लगा रहे थे। मथुरा के अलावा हाथरस, कासगंज, अलीगढ़, मध्यप्रदेश, हरियाणा आदि के श्रद्धालुओं ने भी परिक्रमा लगाई। निगम ने परिक्रमा मार्ग में सफाई कराने के दावा किया था, लेकिन भूतेश्वर, आकाशवाणी, स्वामी घाट, यमुना किनारे आदि स्थानों पर श्रद्धालुओं को गंदगी से निकलना पड़ा। श्रीजी पीठाधीश्वर मनीष बाबा का कहना था कि अक्षय नवमी के दिन अदृश्य रूप से देवी-देवता मथुरा की परिक्रमा लगाते हैं, इसलिए यह परिक्रमा की जाती है। दीपक ज्योतिष भागवत संस्थान के निदेशक कामेश्वरनाथ चतुर्वेदी बताते हैं कि वाराह पुराण के अनुसार मथुरा की परिक्रमा करने से संपूर्ण धरती की परिक्रमा का पुण्य प्राप्त होता है।

वाहन रोक-रोक कर निकाले गए श्रद्धालु

मथुरा : पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और यातायात को सुगम बनाए रखने के लिए व्यवस्थाएं की थीं। बीएसए कालेज, भूतेश्वर, क्वालिटी तिराहा, आकाशवाणी पर वाहनों को रोक-रोक कर श्रद्धालुओं को निकाला जा रहा था।

मूली, गन्ना का लिया स्वाद

मथुरा : परिक्रमा मार्ग में जगह-जगह श्रद्धालुओं ने मूली, गन्ना का स्वाद लिया। महिलाएं चाट का आनंद लेती रहीं। बच्चे खिलौने खरीद रहे थे। जगह-जगह मेले जैसा वातावरण बना रहा। समाज सेवियों ने प्याऊ की व्यवस्था की थी। राधे-राधे के जयकारों से गूंजा परिक्रमा मार्ग

वृंदावन: वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा में मानव श्रृंखला शुरू हुई जो देर रात तक टूटने का नाम नहीं ले रही थी। परिक्रमा में पसरी अव्यवस्थाओं के बीच लाखों श्रद्धालुओं ने वृंदावन के अलावा जुगल जोड़ी और तीनवन की परिक्रमा कर अक्षय पुण्य अर्जित किया। सुबह तीन बजे से शुरू हुई परिक्रमा में मानव श्रृंखला देर शाम तक टूटने का नाम नहीं ले रही थी। पूरे परिक्रमा मार्ग में श्रद्धालुओं का हुजूम ही दिखाई दिया। इस दौरान परिक्रमा के कट पर वाहनों की भी लंबी कतार लगी रही। परिक्रमा मार्ग के अलावा छटीकरा मोड़ से वृंदावन तक भी श्रद्धालुओं का रेला पूरे दिन दिखाई दिया। अक्षय नवमी पर परिक्रमा मार्ग में पुलिस ने चार पहिया वाहनों की नो एंट्री घोषित की थी। बावजूद इसके सुबह से शाम तक चार पहिया छोटे-बड़े वाहन परिक्रमार्थियों की दिक्कत बढ़ाते रहे। राधे-राधे के जयकारों से परिक्रमा मार्ग गूंज उठा।


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