मंत्री अंदर ले रहे थे पानी का हिसाब, बाहर बिलख रहे थे ग्रामीण
सिचाई मंत्री की बैठक के समय धरने पर बैठे खेरिया के ग्रामीण सिटी मजिस्ट्रेट ने समस्या का निस्तारण कराने का दिया आश्वासन
मथुरा, जासं। सिचाई मंत्री कलक्ट्रेट सभागार में पानी की लेकर बैठक ले रहे थे और बाहर गांव खेरिया के ग्रामीण पीने के पानी का दुखड़ा रो रहे थे। सदर तहसील के गांव खेरिया के ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। सोमवार को ग्रामीण भोजराज, मोहनश्याम, प्रेमवती, गायत्री, रविकांत, लक्ष्मी, रामवती समेत एक दर्जन लोग अपनी समस्या से डीएम को अवगत कराने के लिए कलक्ट्रेट पर आए थे। उनको जानकारी मिली कि सिचाई मंत्री धर्मपाल अधिकारियों की बैठक ले रहे हैं। वह भी कलक्ट्रेट सभागार के कक्ष के सामने आ गए और धरने पर बैठ गए। फूटा घड़ा भी कहीं से उठा कर ले आए। भोजराज ने बताया कि गांव में करीब आठ साल पहले पेयजल के लिए टंकी बनी थी। चार पांच महीने टंकी से सप्लाई मिली और और उसके बाद बंद हो गई। उसके बाद से एक ग्रामीण अपनी निजी पाइप लाइन से पानी सप्लाई कर रहा था। इसके लिए 1.25 रुपये मासिक दे रहे थे। अब करीब बीस दिन से उसने पानी की सप्लाई देना बंद कर दिया है। मंत्री की बैठक समाप्त होने से पहले ही उनको पुलिस ने धरने से उठाकर वट वृक्ष के नीचे भेज दिया। सिटी मजिस्ट्रेट मनोज कुमार सिंह उनको अपने कार्यालय में ले गए। उन्होंने प्रधान से बातचीत कर जिला पंचायतराज अधिकारी को ग्रामीणों की पेयजल समस्या का तत्काल हल कराने के निर्देश दिए।
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