बांकेबिहारी के दर्शन कर की नए साल की शुरुआत
नए साल की शुरुआत ठा. बांकेबिहारीजी के दर्शन के साथ करने को देशभ
संवाद सहयोगी, वृंदावन: नए साल की शुरुआत ठा. बांकेबिहारीजी के दर्शन के साथ करने को देशभर से लाखों श्रद्धालुओं ने वृंदावन में डेरा डाल लिया। भोर में जैसे ही मंदिर के पट खुले लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम मंदिर में उमड़ पड़ा। सुबह से शुरू हुई श्रद्धालुओं की भीड़ दोपहर बढ़ती ही नजर आ रही थी।
शुक्रवार सुबह जिधर भी नजर जाती श्रद्धालुओं का हुजूम ठा. बांकेबिहारी मंदिर की ओर बढ़ रहा था। पट खुलते इससे पहले ही लाखों श्रद्धालु मंदिर के रास्तों में ठसाठस भरे नजर आए। वीआइपी मार्ग पर परिक्रमा तक और पुलिस चौकी की ओर विद्यापीठ चौराहा तक हर ओर श्रद्धालुओं का हुजूम मंदिर की ओर ही बढ़ता नजर आया। हर किसी की इच्छा की साल की शुरुआत ठा. बांकेबिहारी के दीदार के साथ हो। दुकानें भी खुली नहीं थीं, जबतक बाजार श्रद्धालुओं की भीड़ से गुलजार हो चुके थे। मंदिर के अंदर और बाहर तो श्रद्धालुओं से पूरा इलाका शुक्रवार सुबह खचाखच भरा ही नजर आया। सप्तदेवालयों से लेकर निधिवन, सेवाकुंज, रंगजी मंदिर, कात्यायनी मंदिर, टटिया स्थान पर भी हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर नए साल की शुरुआत की। भगवान के भजनों पर थिरकते नाचते-कूदते श्रद्धालुओं ने नए साल का अभिनंदन पूरी तरह से भक्ति भाव के साथ किया। मंदिरों में भीड़ थी तो बाजार भी बांकेबिहारी के जयकारे से गूंज रहे थे।
बृषभानु दुलारी के निज धाम में झूमे भक्त: शुक्रवार को कोहरे में ढकी सुबह बरसाना के श्रीजी धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। बृषभानु दुलारी ने चांदी के ऊंचे सिंहासन पर विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन दिए।
आस्था व श्रद्धा का केंद्र कहे जाने वाले श्रीधाम बरसाना में नववर्ष मनाने के लिए गुरुवार शाम से ही श्रद्धालु जुटने लगे थे। लाड़ली जी मंदिर में हुई भजन संध्या में अगर श्यामा जू न होती तो हम जैसों का क्या होता गीत पर श्रद्धालु झूम उठे। बृषभान दुलारी भी माखन चोर श्रीकृष्ण के साथ जगमोहन में विराजमान होकर कृपा बरसा रही थीं। सुबह श्रद्धालुओं ने गहवरवन की दंडवती परिक्रमा लगाई। कस्बे में जगह-जगह भंडारा लगाया गया। श्रद्धालुओं ने राधारानी को शाल, काजू, बादाम, मखमली रजाई व फल भेंट किए। लाड़ली जी मंदिर के सेवायत सत्यनारायण गोस्वामी ने बताया कि सर्दी के चलते राधारानी के सामने आग की अंगीठी जलाई जा रही है। जयपुरी रजाई ओढ़ाई जा रही है। गरमाई के लिए राधारानी के भोग प्रसाद में केसर डाला जा रहा है।