शिक्षक भर्तियों में हुआ सौ करोड़ का खेल
मथुरा: बीएसए कार्यालय शिक्षा की साख नहीं उसे गर्त में ले जाने के लिए इन दिनों चर्चा में है। एक
मथुरा: बीएसए कार्यालय शिक्षा की साख नहीं उसे गर्त में ले जाने के लिए इन दिनों चर्चा में है। एक साथ तीन शिक्षक भर्ती घोटालों का दाग इस पर लग गया है। अब तक हुई जांच में यह साफ है कि भर्ती में बड़े पर पैमाने गड़बड़झाला हुआ। इस गड़बड़ी का जनक कौन है, किसने काबिलों को आगे आने की राह रोकी यह अभी साफ नहीं है, लेकिन यह तय है कि इस घोटाले में करीब 100 करोड़ का खेल हुआ है।
लगातार एक के बाद एक तीन शिक्षक भर्तियों के घोटाले में बीएसए कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। विभाग से जुड़े कर्मचारी और शिक्षक नेताओं ने ही योग्य अभ्यर्थियों की काबिलियत का गला घोंटकर अयोग्य लोगों को बढ़ाने का मौका दिया है। अभी तक करीब 125 शिक्षक की संदिग्ध भूमिका सामने आई है। भर्ती में करीब 100 करोड़ का लेनदेन होने का अनुमान है। विभागीय सूत्रों का दावा है कि सभी भर्तियों की एक बार फिर जांच हो जाए तो फर्जी शिक्षकों का आंकड़ा 300 को पार कर सकता है। तीनों भर्तियों से जुड़े कर्मचारियों को तोड़ा जाए तो घोटाले से जुड़ी सभी कड़ियां एक-एक कर टूटने लगेंगी। दावा किया जा रहा है कि इसी रैकेट की ओर से ही कूटरचित दस्तावेज तैयार कराए गए हैं। यह घोटाले आए हैं सामने:
सबसे पहले इसी माह 12460 शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आया। इस घोटाले में जिला चयन समिति ने 35 ऐसे शिक्षक चयनित किए, जो कूटरचित दस्तावेज से नौकरी पाने में सफल हुए। इसमें 33 शिक्षक और एक बाबू के खिलाफ बीएसए ने एफआइआर दर्ज की है। यह प्रकरण सुर्खियों में आया तो शासन ने जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर दी। इस प्रकरण से अभी विभाग को राहत नहीं मिली थी कि वर्ष 2015 में हुई 29334 शिक्षक भर्ती घोटाले का जिन्न बाहर आ गया। इस भर्ती में करीब 70 शिक्षकों के फर्जी तरीके से नौकरी पाने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस प्रकरण की जांच एसटीएफ के हाथ में आने से विभागीय कर्मचारियों के हाथ-पैर फूल गए हैं। दो दिन की जांच में महत्वपूर्ण दस्तावेज और कंप्यूटर डाटा एसटीएफ ने कब्जे में किया है। वर्ष 2015 में हुई 15000 शिक्षक भर्ती में भी एक दर्जन से शिक्षक फर्जी होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस भर्ती की फाइल भी जिला चयन समिति ने बीएसए से मांग ली है। 15 लाख की गाड़ी दी है गिफ्ट:
बीएसए कार्यालय में चर्चा है कि 12460 शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े एक अधिकारी को रैकेट के सदस्यों द्वारा 15 लाख की गाड़ी गिफ्ट की गई है। इस घोटाले के सामने आते ही अधिकारी ने गाड़ी को इधर-उधर कर दिया और कार्यालय नहीं लाए।
दस्तावेज हो सकते हैं गायब:
सभी भर्तियों से जुड़े दस्तावेज एक कमरे में रखे हैं। बीएसएस संजीव कुमार ने गुरुवार को दी तहरीर में इस कमरे की सुरक्षा की भी मांग की है। उन्होंने आशंका जताई है कि इन दस्तावेजों के साथ कुछ भी हो सकता है। शिक्षकों के ट्रांसफर में भी हाथ:
शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मास्टर माइंड का शिक्षकों के ट्रांसफर कराने में भी हाथ रहता था। एक ट्रांसफर पर 50 हजार से एक लाख रुपया तक वसूला जाता था। ट्रांसफर प्रक्रिया बंद होने पर शिक्षकों को मनमर्जी विद्यालय में संबंद्ध होने के लिए भी इसी मास्टर माइंड के का दरवाजा खटखटाना पड़ता था।