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शिक्षक भर्ती घोटाले में, तत्कालीन बीएसए निलंबित, 11 सलाखों के पीछे गए

मथुरा: शिक्षक भर्ती घोटाले में तत्कालीन बीएसए संजीव कुमार निलंबित कर दिए गए

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 11:56 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 11:56 PM (IST)
शिक्षक भर्ती घोटाले में, तत्कालीन बीएसए निलंबित, 11 सलाखों के पीछे गए

जागरण संवाददाता, मथुरा: शिक्षक भर्ती घोटाले में तत्कालीन बीएसए संजीव कुमार निलंबित कर दिए गए हैं। उनको देर रात में पूछताछ के लिए लखनऊ से मथुरा लाया गया है। आरोपित 11 लोग बुधवार को सलाखों के पीछे पहुंच गए। पांच को गुरुवार को मेरठ में विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) कोर्ट में पेश किया जाएगा। एसटीएफ और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस घोटाले में 16 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ के इस कदम से घोटाले से जुड़े रैकेट में खलबली मची है।

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29 हजार शिक्षक भर्ती घोटाला प्रकाश में आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग की छवि को गहरा बट्टा लगा है। शासन ने इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए एसटीएफ को जांच सौंप दी थी। एसटीएफ ने जांच के बाद स्थानीय पुलिस के सहयोग से बीएसए दफ्तर के तीन बाबू, एक महिला सहित नौ शिक्षक और चार मास्टर माइंड मंगलवार को गिरफ्तार किए थे।

बुधवार को सभी आरोपितों से एक बार फिर पूछताछ की गई, इसमें पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं। शिक्षक भर्ती घोटाले के मास्टर माइंड से कुछ नाम और हाथ लगे हैं, जिनसे कई रसूखदार की गर्दन फंस सकती है। बुधवार को पूछताछ के बाद सभी आरोपितों का जिला अस्पताल में मेडिकल कराने के बाद एसीजेएम तृतीय की अदालत में पेश किया गया।

विभागीय बाबू महेश शर्मा, घोटाले के मास्टर माइंड र¨वद्र, पुष्पेंद्र, सुभाष व चेतन को भ्रष्टाचार का आरोपी माना गया है। उन्हें मेरठ में भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश करने के लिए समय मांगा गया। इन पांचों आरोपित को गुरुवार को मेरठ में विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) कोर्ट में पेश किया जाएगा। बाकी 11 आरोपितों को मथुरा कारागार भेज दिया गया। शिक्षक भर्ती घोटाले में एसटीएफ और पुलिस की कार्रवाई के बाद शिक्षक भर्ती घोटाले के रैकेट के पसीने छूट गए हैं। रैकेट के सदस्य एसटीएफ और पुलिस की कार्रवाई की पल-पल की खबर लेते रहे। दिव्यांग शिक्षकों की भर्ती पर भी सवाल

मथुरा: शिक्षक भर्तियों में दिव्यांगों की भर्ती पर भी पूर्व पालिकाध्यक्ष र¨वद्र पांडेय और विनोद चौधरी बालाजीपुरम ने सवाल खड़े किए हैं। वह जल्द ही इन शिक्षकों की जांच कराने की मांग उठाने जा रहे हैं। पांडेय ने दावा किया है कि दिव्यांग शिक्षक भर्ती में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर नौकरी पाई गई हैं। यदि निष्पक्ष जांच की जाए तो 100 से ज्यादा फर्जी शिक्षक पकड़ में आ सकते हैं। दिव्यांग शिक्षकों में नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों के मेडिकल दस्तावेज की जांच कराई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।


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